समस्तीपुर रेल मंडल के 32 स्टेशनों पर लगेगी वाटर वेंडिंग मशीन

समस्तीपुर रेल मंडल के 32 स्टेशनों पर लगेगी वाटर वेंडिंग मशीन

समस्तीपुर। समस्तीपुर रेल मंडल के यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें गर्मी में पीने के पानी का संकट नहीं होगा। समस्तीपुर रेल मंडल स्थित 32 स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर यात्रियों को महज पांच रुपये में एक लीटर पीने का शुद्ध ठंडा पानी मिल जाएगा। मंडल के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर 92 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। रेल प्रशासन ने इसकी हरी झंडी दे दी है। सात सितंबर तक एजेंसी चयन के लिए आवेदन पत्र लिया जाएगा। उसके बाद चयनित एजेंसी को वाटर वेंडिंग मशीन सेवा शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने बताया कि वेंडिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन स्टेशनों पर लगेगी वाटर वेंडिंग मशीनें : समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर 10 यूनिट, दरभंगा में 9, सहरसा, बगहा, सुगौली, रक्सौल, सीतामढ़ी एवं मधुबनी रेलवे स्टेशन पर 4-4 यूनिट, सकर, जयनगर, बापूधाम मोतिहारी, बेतिया एवं नरकटियागंज स्टेशन 5-5 यूनिट, चकिया, बनमंखी, दौरम मधेपुरा, जनकपुर रोड एवं मेहसी स्टेशन पर दो-दो यूनिट, सिमरी बख्तियारपुर, सुपौल, सलौना, हसनपुर रोड, रुसेड़ाघाट, हायाघाट, लहेरियासराय, झंझारपुर, खजौली, राजनगर, मोतीपुर, चनपटिया, हरिनगर एवं रमगढ़वा रेलवे स्टेशन पर एक-एक यूनिट मशीन स्थापित कर संचालित की जाएगी। स्टेशनों पर लगी वाटर मशीनें फांक रहीं हैं धूल : मंडल रेल प्रबंधक के आदेश के बाद वाणिज्य विभाग ने निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दरअसल, कोविड काल के पहले से ही स्टेशनों पर लगी वाटर मशीनें धूल फांक रहीं हैं। अधिकतर मशीन जर्जर और खराब हो चुकी है। स्थिति सामान्य होने के बाद भी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) पानी की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करा पाया। पूर्व की एजेंसी ने भी मशीनों को संचालित करने को लेकर हाथ खड़े कर लिये। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने वाटर वेंडिंग मशीनों को संचालित करने की जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन को सौंप दी है। 2016 में लगाई गई थीं 72 मशीनें यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन ने वर्ष 2016 में मंडल के 14 स्टेशनों पर 72 मशीनें लगायी थीं, लेकिन परवान चढ़ने से पहले ही यह महत्वाकांक्षी योजना धराशायी हो गई। दैनिक जागरण बदहाल हो रही मशीनों और यात्रियों की समस्याओं को लेकर लगातार खबर प्रकाशित करता रहा। इसके बाद यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए रेलवे प्रशासन ने वाटर वेंडिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

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