शिवहर में रेलमार्ग के निर्माण को हाईकोर्ट के तेवर तल्ख, शपथ पत्र के माध्यम से मांगा जवाब



शिवहर, जासं। सीतामढ़ी-शिवहर-बापूधाम रेलवे परियोजना के लिए दर्ज परिवाद पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने संबंध में पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रेलवे को चार सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही पूर्व में जारी आदेश के अनुपालन नहीं होने पर खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त की है। खंडपीठ ने यह भी पूछा है कि परियोजना का निर्माण शुरू नहीं कराए जाने का कारण क्या है।

शिवहर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा द्वारा दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान महाप्रबंधक मध्य पूर्व (ईस्ट सेंट्रल ) रेलवे हाजीपुर को शपथपत्र के माध्यम से चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने, पूर्व में पारित आदेश का पालन नहीं करने और रेलवे परियोजना के निर्माण में विलंब का कारण स्पष्ट करने का निर्देश दिया है । एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भारत सरकार को खुद इस मामले की पैरवी करने को कहा है ताकि मामले की सही ढंग से पैरवी हो सके। इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होनी है।

बताते चलें कि सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र द्वारा इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका की पैरवी पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील कुमार वर्मा तथा सुमन कुमार वर्मा कर रहे हैं । इन दोनों अधिवक्ता भाइयों ने इसके पूर्व शिवहर सिविल कोर्ट तथा सरोजा सीताराम सदर अस्पताल कई सहित कई जनहित से जुड़े कई मामले की पैरवी करते हुए सफलता प्राप्त किया है। उल्लेखीय है कि स्वीकृति के दो दशक बाद भी सीतामढ़ी-शिवहर बापूधाम रेल परियोजना सर्वेक्षण से आगे नहीं बढ़ सकी है। मामले के प्रति जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को लेकर मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने पहले आरटीआई दायर पर रेलवे को जगाया और फिर आरटीआई के आधार पर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई जारी है।

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