शिवहर में कोर्ट मैनेजर के साथ विवाद मामले में अधिवक्ता गिरफ्तार



शिवहर, जागरण संवाददाता। शिवहर व्यवहार न्यायालय परिसर में वाहन पार्किंग को लेकर कोर्ट मैनेजर और अधिवक्ता के बीच का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार को कोर्ट मैनेजर के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस द्वारा देवेंद्र साह नामक अधिवक्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद अधिवक्ताओं का आक्रोश और अधिक भड़क गया। सोमवार की देर शाम जिला बार एसोसिएशन की हुई आपात बैठक में अधिवक्ताओं ने पूरे घटनाक्रम की निंदा की। अधिवक्ताओं ने कहा कि दबाव डालने के लिए साजिश के तहत कोर्ट मैनेजर द्वारा झूठी प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अधिवक्ता देवेंद्र साह को गिरफ्तार कराया गया है। इतना ही नहीं गिरफ्तार अधिवक्ता से पुलिस ने मिलने भी नहीं दिया है। अधिवक्ताओं ने इसे मानवाधिकार का हनन बताया है। साथ ही उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। बैठक में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवध किशोर सिंह समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए।

गुरुवार की शाम कोर्ट परिसर में वाहन पार्किंग के दौरान कोर्ट मैनेजर प्रमोद कुमार का अधिवक्ता सह जिला बार एसोसिएशन के सहायक सचिव अखिलेश कुमार से विवाद हुआ था। इस दौरान दोनों ओर से गाली-गलौज और मारपीट भी हुई थी। अन्य अधिवक्ता और कर्मियों ने बीच-बचाव कर मामला खत्म कराया था। घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर दिया। जिला बार एसोसिएशन ने बाकायदा बैठक कर कोर्ट मैनेजर को हटाने की मांग पूरी होने तक न्यायिक कार्यों के बहिष्कार का एलान कर कर दिया। इसके तहत शनिवार और सोमवार को भी अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार जारी रखा। इसी बीच कोर्ट मैनेजर ने नगर थाने में जिला बार एसोसिएशन के महासचिव धर्मेंद्र सिंह, सहायक सचिव अखिलेश कुमार और गिरफ्तार अधिवक्ता देवेंद्र साह के खिलाफ गाली-गलौज व मारपीट की प्राथमिकी दर्ज करा दी। इसके आलोक में नगर थाना पुलिस ने अधिवक्ता देवेंद्र साह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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देवेंद्र साह की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही अधिवक्ताओं का आक्रोश भड़क गया। देर शाम बार एसोसिएशन की आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की गई। महासचिव धर्मेंद्र सिंह ने कोर्ट मैनेजर द्वारा दर्ज प्राथमिकी को झूठा करार दिया है। कहा है कि कोर्ट मैनेजर के साथ अधिवक्ता अखिलेश कुमार का विवाद हुआ था। वह और देवेंद्र साह विवाद खत्म कराने गए थे। कहा कि अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर आपराधिक दबाव बनाने के लिए झूठी प्राथमिकी दर्ज करा देवेंद्र साह को जेल भेजने से अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। जबकि, कोर्ट मैनेजर प्रमोद कुमार के अनुसार आरोपितों द्वारा उनपर कातिलाना हमला किया। गाली-गलौज भी की गई। व्यवहार न्यायालय के सीसी कैमरे में पूरी वारदात कैद है।
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कोर्ट मैनेजर को हटाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा जारी न्यायिक कार्य बहिष्कार आंदोलन के चलते आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन हड़ताल जारी रहने के कारण न्यायिक गतिविधियां ठप रही। सिविल कोर्ट से 400 से अधिक मामले के पक्षकार बैरंग लौटने को विवश दिखे। इस दौरान कोर्ट में न केवल नए मुकदमे दर्ज हो सके, बल्कि पुराने मुकदमे व जमानत पर सुनवाई भी नहीं हो सकी। शनिवार को डीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट और एसडीओ कोर्ट में भी मुकदमों पर सुनवाई नहीं हो सकी। शपथ पत्र बनवाने कोर्ट पहुंचे 200 से अधिक लोग भी बैरंग लौटने को विवश दिखे। पिछले तीन दिनों में ढाई हजार से अधिक लोगों को कोर्ट से बैरंग लौटना पड़ा है।

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