मंत्री की गाड़ी भी उनके घर तक हिचकोले खाते गुजरती है, रोहतास की इस सड़क की बदहाल है हालत



सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। जिले में ग्रामीण सड़कों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। ग्रामीण इलाके की जो मुख्य सड़क एक बार बनी, उसे दोबारा बनाने की जहमत सरकार आज तक नहीं उठा सकी है। यहां तक कि दो बार सूबे की मंत्री रह चुकीं अनिता चौधरी भी इन सड़कों पर हिचकोले खाते सफर करती हैं। सफर के दौरान लोग खोजते हैं कि कब सड़क सरपट मिले कि वे निर्बाध रूप से यात्रा कर सकें।
क्षेत्र के लोग अब पक्की सड़क को लेकर धीरे-धीरे मुखर होने लगे हैं। वे धरना-प्रदर्शन के माध्यम से अपनी सड़क को चकाचक देखना चाह रहे हैं। इन्हीं सड़कों में से एक है सासाराम प्रखंड के मोकर से भैंसही-बभनपुरवां पथ। इसकी दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है, जबकि इसी मुख्य सड़क पर राज्य की पिछड़ा व अतिपिछड़ा कल्याण मंत्री अनिता देवी का गांव है, जहां आए दिन उनका आना-जाना होता है। बहरहाल उन्हें भी अपनी गाड़ी से हिचकोले खा गांव जाते देख लोग मजे लेते हैं। काफी मशक्कत के बाद इस सड़क को एक दशक पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल कर कार्य प्रारंभ किया गया, परंतु एक मुश्त कार्य गंतव्य तक नहीं पहुंच सका।

12 किलोमीटर लंबी सड़क किसी तरह सात किमी ही बन सकी, लेकिन आज उस सड़क की हालत भी जर्जर हो गई है। इस मुख्य मार्ग से जुड़े हरपुर टोला, आकाशी, शुंभा टोला, गरूड़ा, शुंभा, रूदना समेत एक दर्जन से अधिक गांव के लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। गरूड़ा निवासी गोरख सिंह कहते हैं कि सड़क जीर्णोद्धार के लिए कई बार अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि के पास गुहार लगाई जा चुकी है, परंतु इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका। सड़क के किनारे अवस्थित आकाशी गांव निवासी एक ही परिवार के तीन सदस्यों को राज्य में मंत्री बनने का अवसर मिल चुका है, जिसमें वर्तमान पिछड़ा व अतिपछड़ा कल्याण मंत्री अनिता देवी दो बार के अलावा उनके पति आनंद मोहन तथा ससुरजंगी सिंह चौधरी शामिल हैं। इसके बावजूद सड़क का बदहाल होना उदासीनता दर्शा रही है।

अन्य समाचार