Bihar crime: लाख रुपये हर माह भाड़ा कमाने के चक्कर में फंसे ट्रक मालिक, 45 ट्रक ले उड़े माफिया



सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। लाख रुपये हर माह भाड़ा कमाने के झांसे में फंसकर 45 ट्रक मालिक अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई भी गंवा बैठे हैं। ऐसे 45 ट्रक माफिया लेकर उड़ गया और ये लोग हाथ मलते रह गए। अब ट्रांसपोटरों में हड़कंप मचा हुआ है। फर्जीवाड़ा कर ट्रकों को छतीसगढ़ में बेंच दिया गया है। उत्तर बिहार से तीन सौ ट्रक गायब हुए हैं जिनमें 45 ट्रक सीतामढ़ी जिले के बताए जा रहे हैं। ट्रकों के छतीसगढ़ के रायपुर में बेचे जाने की सूचना के बाद ट्रांसपोर्टर वहां भी गए लेकिन कुछ हाथ नहीं लग पाया है। इतनी बड़ी संख्या में ट्रकों के गायब होने की सूचना से जिले की पुलिस अंजान है।

सवाल यह भी है कि ट्रक मालिकों ने सीतामढ़ी पुलिस को अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी है। बीते एक सप्ताह से जिले के एक दर्जन से अधिक ट्रक मालिक रायपुर के विभिन्न गैराजों में अपने-अपने ट्रकों को तलाश रहे है। उनमें से किसी भी ट्रक मालिक को उनके ट्रक का सुराग नहीं मिल पाया है। इसी बीच रायपुर पुलिस ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई करते हुए रायपुर के विभिन्न गैराजों से 30 ट्रकों को बरामद किया है। उन ट्रकों का इंजन व चेचिस नंबर उड़ा दिया गया है। इस मामले में रायपुर पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इसमें मुजफ्फरपुर का सत्येंद्र सिंह भी शामिल है। सीतामढ़ी एसपी हर किशोर राय का कहना है कि अबतक जिले के किसी ट्रक मालिक या ट्रक यूनियन की ओर से ट्रक गायब होने या फर्जीवाड़ा कर ले जाने की सूचना नही दी गई है। सूचना दी जाती है तो सीतामढ़ी पुलिस ट्रक बरामदगी के लिए हरसंभव कार्रवाई करेगी।
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एसोसिएशन के अध्यक्ष पप्पू सिंह का कहना है कि ट्रकों के गायब होने की सूचना तो उन्हें भी मिली है, लेकिन किसी ने लिखित तौर पर इस बात की शिकायत नहीं की है। वैसे पता चल रहा है कि मुजफ्फरपुर का सत्येन्द्र सिंह नामक कोई बीमा एजेंट है जिसके संपर्क में अधिकांश ट्रक मालिक थे। इन मालिकों को झांसे में लेकर सत्येंद्र और मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक में अशोक मोटर्स के भाई अनुपम के साथ मिलकर सभी ट्रक मालिकों से एक बड़ी कंपनी का माल ढ़ोने के नाम पर डील तय की गई थी। डील के तहत एक लाख रुपये प्रतिमाह प्रति ट्रक को भाड़े पर लिया था। सत्येंद्र और अनुपम ने ट्रक मालिकों के समक्ष एक शर्त भी रखी थी कि उनके ट्रक पर चालक, जीपीएस और फार्स्ट टैग कंपनी का ही होगा। लाख रुपया महीने की कमाई होने के लालच में सभी ट्रक मालिक उनके झांसे में आकर ट्रकों को भाड़े पर दे दिया।
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जिले के ट्रक मालिकों से उनके वाहन चार-पांच पहले एकरारनामे पर लिए गए थे। ट्रक के हिसाब से तय भाड़ा एक-दो माह तक ट्रक मालिकों को मिला। इसके बाद भाड़ा देना बंद हो गया। भाड़ा मांगने पर सत्येंद्र और अनुपम बहानेबाजी करने लगे। ट्रक मालिक ट्रकों का लोकेशन जानने का दबाव बनाने लगे तब भी दोनों टाल-मटोल करते रहे। इस प्रकार ट्रक मालिकों को दाल में कुछ काला प्रतीत हुआ। इसके बाद ट्रक मालिक अपने-अपने ट्रकों का सुराग पता करने में जुट गए।
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ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष पप्पू सिंह के अनुसार, उन्हें इस बात की खबर है कि सुरसंड, सोनबरसा व सीतामढ़ी शहरी क्षेत्र और उसके आस-पास के इलाकों से ट्रक भाड़े पर लिए गए हैं। इसमें सुरसंड प्रखंड के दिनेश कुमार गुप्ता का एक ट्रक, सूर्यदेव प्रसाद के तीन, रामकृपाल साह का एक, इदरीश अंसारी का एक व सहनियापट्टी गांव के एक व्यक्ति का ट्रक भी इस फर्जीवाड़े का शिकार हुआ है। वहीं शहर के अरुण साह के सात ट्रक और डुमरा के सीमांत खिरहर के तीन, मोहनपुर सीतामढ़ी के धनिपत महतो के पुत्र भूषण कुमार नायक व अरुण कुमार नायक दोनों भाइयों के छह ट्रक भाड़े पर लिए गए थे। वही सोनबरसा के वीरेंद्र नायक का एक ट्रक, सीतामढ़ी के अर्जुन के दो ट्रक, बिंदेश्वर बाडी मिस्त्री बरियारपुर का एक ट्रक भाड़े पर देने के बाद से गायब है।
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सीतामढ़ी से ट्रक की तलाश में रायपुर पहुंचे सीतामढ़ी के अरूण साह और सीमांत खिरहर ने फोन पर बताया कि छतीसगढ़ की क्राइम ब्रांच मामले को संज्ञान में लेकर विभिन्न राज्यों में गायब ट्रकों को तलाश रही है। पकड़े गये लोगों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि इन लोगों ने बिहार और यूपी सहित अन्य राज्यों से भाड़े पर फर्जी तरीके से ट्रक लेकर करीब 285 ट्रकों को छतीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बेच दिया है।

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