नौ शराब माफिया को मृत्‍युदंड, 10 को आजीवन कारावास, बिहार में कानून लागू होने के बाद अबतक मिली सजा



हाजीपुर, जागरण संवाददाता। बिहार में शराब के खिलाफ कठोर कानून लागू होने के बाद वर्ष 2022 तक नौ शराब माफियाओं को मृत्युदंड की सजा मिली जबकि 61 शराब माफियाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शराब माफियाओं में से 10 को न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हुई है। जबकि 180 को 10 वर्ष से अधिक की सजा मिली है।
यूं कहें कि इन शराब माफियाओं के लिए 2022 तक कि अवधि ठीक नही रही। बिहार में शराब प्रतिबंध एवं कठोर सजा के प्रावधान के बावजूद इनकी संलिप्तता उजागर हुई थी। बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम में कुल सजा प्राप्त व्यक्तियों की संख्या 1256 रही। यहां हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले के बिहार पुलिस की प्रदर्शनी एवं मद्य निषेध लोक आसूचना केंद्र द्वारा वितरित किए जा रहे पत्रक से यह जानकारी मिल रही है।

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के परिणाम भी सामने आए हैं। प्रदर्शनी में बताया गया है कि इससे घरेलू हिंसा में कमी देखी गई है। वर्ष 2016 में दहेज प्रताड़ना के 4852 मामले प्रतिवेदित हुए थे जो घटकर वर्ष 2021 में 3507 हो गए। इस प्रकार दहेज प्रताड़ना के मामले में कुल 27.72 प्रतिशत की कमी हुई है। महिला प्रताड़ना में भी कमी देखी गई है। वर्ष 2018 में महिला प्रताड़ना के 2028 मामले प्रतिवेदित हुए थे। जो वर्ष 2021 में घटकर 1924 हो गये। इस प्रकार महिला प्रताड़ना के मामले में 5.22 प्रतिशत की कमी हुई है। इसी तरह सड़क दुर्घटना में कमी भी परिलक्षित हुई है।
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शराबबंदी कानून लागू होने से पूर्व वर्ष 2015 गंभीर रूप से जख्मी होने की संख्या 2758 थी जो घटकर वर्ष 2021 में 2001 रह गयी है। इस प्रकार इन मामलों में 27.44 की कमी आयी है। प्रदर्शनी में आसूचना केंद्र द्वारा मेला दर्शकों को जागरूक भी किया जा रहा है। डब्लू एचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व भर में 2016 में कुल 30 लाख लोगों की मृत्यु शराब पीने से हुई थी।


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