Samastipur News: जहरीली हुई समस्तीपुर की हवा, रेड जोन में शहर; खतरनाक प्रदूषण से सांस संबंधी मरीजों को खतरा



समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। समस्तीपुर में वायु प्रदूषण की स्थिति अब भी खतरनाक स्थिति में है। सोमवार को औसतन एक्यूआई 358 रहा, जो रेड जोन को दर्शाता है। शहर में वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति में रहने के कारण लोगों में सांस फूलने, फेफड़े, हृदय रोग से संबंधित परेशानी बढ़ने लगी है। चिकित्सकों के यहां इस तरह के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं।
बता दें कि सोमवार को एयर क्वालिटी सूचकांक 358 रहा है, जो बहुत ही खतरनाक स्थिति को दर्शाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 0 से 50 के बीच की वायु गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है। इससे सेहत पर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन 51 से 100 के बीच रहने पर इससे सांस लेने में मामूली परेशानी होने लगती है। 101 से 200 के बीच जब एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच जाता है तो इससे सांस लेने में समस्या होनी शुरू हो जाती है।

लोगों को फेफड़े, अस्थमा और हृदय से संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही जब 201 से 300 के बीच पहुुंच जाता है तो खतरनाक माना जाता है। इससे लोगों को सांस लेने, फेफड़े, दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही इससे संबंधित बीमारी होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है, लेकिन जब यह 301 से 400 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच जाता है तो इससे खतरा और कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। एक्यूआई की इस श्रेणी को बहुत ही खराब स्थिति माना जाता है। वहीं, 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी को गंभीर रूप से खतरनाक माना जाता है। इसका सर्वाधिक असर स्वस्थ व्यक्ति के भी सेहत पर पड़ता है।
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शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। शहर के समस्तीपुर- मुसरीघरारी पथ पर चार से पांच जगहों पर बालू के ढेर लगे हैं। यही स्थिति शहर के अन्य सड़कों की है। पुराने भवनों को तोड़कर नए मकान भी बनाए जा रहे हैं। जुगाड़ ठेला शहर में दिनभर चलते रहता है, जिससे सर्वाधित प्रदूषण फैलता है। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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पिछले डेढ़ महीने से समस्तीपुर शहर प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है। प्रदूषण के कारण यहां की आबोहवा दूषित हो गई है। इसका प्रभाव लोगों की सेहत पर साफ दिख रहा है। लोगों में सांस एवं फेफड़े की बीमारी बढ़ती जा रही है। बताया जाता है कि दीपावली पर्व के बाद से ही समस्तीपुर शहर की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो गई है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। प्रदूषण को कम करने के लिए न तो नगर निगम कोई ठोस पहल कर रही है और न ही जिला प्रशासन। जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी इसको लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। जिससे आमलोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होने लगा है।
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फिजिशियन डा. आरके सिंह ने बताया कि टीबी, एलर्जी और अस्थमा के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इन मरीजों को अपने साथ इन्हेलर रखना जरूरी है। सामान्य लोगों के मुकाबले सांस लेने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण में अधिक समय रहने से स्वस्थ लोगों को भी सांस एवं हृदय से संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। प्रदूषण के कारण आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के चलते बुजुर्ग और हृदय रोगियों के साथ बच्चों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने में परहेज करना चाहिए। साथ ही मास्क लगाकर ही बाहर निकलना चाहिए।
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समस्तीपुर के वरीय उपसमाहर्ता सह प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन निलेश कुमार ने बताया कि शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर पिछले दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की गई थी। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जिलाधिकारी के द्वारा कई सुझाव दिए गए थे, जिस पर नगर निगम की ओर से कार्रवाई की जा रही है। जिला खनन विभाग की ओर से सड़क से पांच सौ मीटर अंदर बालू, गिट्टी, सीमेंट आदि रखने। भंडारित स्थल पर पानी का छिड़काव करते रहने, भंडारित स्थल से इन चीजों को त्रिपाल से ढक कर ले जाने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश का उल्लंधन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

05 दिसंबर 358
04 दिसंबर 340
03 दिसंबर 330
02 दिसंबर 297
01 दिसंबर 327
30 नवंबर 330
29 नवंबर 365-
नोट : यह आंकड़ा समस्तीपुर समाहरणालय में लगे प्रदूषण नियंत्रण इकाई से नेशनल वायु प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को भेजा गया है, जो राष्ट्रीय प्रदूषण इंडेक्स पर प्रदर्शित है।

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