Samastipur: हर जगह बन रही महुआ-देसी शराब, कभी भी हो सकती है सारण जैसी त्रासदी; 2021 में 12 मौत से नहीं ली सबक



समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। बिहार में शराबबंदी के पांच साल से अधिक वक्त गुजर गए लेकिन शराब की तस्करी और पीने-पिलाने का दौर समाप्त नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि गांव-गांव में धड़ल्ले से महुआ व देसी शराब बनाई जा रही है। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन तस्करों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में जिस ढंग से समस्तीपुर जिले में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं कि छपरा की तरह यहां भी जहरीली शराब कांड की पुनरावृति हो जाए।

समस्तीपर जिले की बात करें तो 2021 में यहां जहरीली शराब पीने से अलग अलग थाना इलाके में एक सेना के जवान समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी। कई गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इसके बाद उत्पाद अधिनियम के तहत 95 लोगों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की गई। दो पुलिस पदाधिकारी व 17 चौकीदार निलंबित हुए। शाहपुर पटोरी के तत्कालीन प्रभारी थानध्यक्ष मुकेश कुमार और हथौड़ी के प्रभारी थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। छपरा की त्रासदी के बाद जिले की पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। शराब की तस्करी के साथ ही नशा सेवन करने वालों की धर-पकड़ के लिए उत्पाद विभाग द्वारा सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है।
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बुधवार देर रात तक जिले के विभिन्न थाना इलाके में छापेमारी कर शराब की खरीद-ब्रिक्री और शराब सेवन के आरोप में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गुरुवार को पूरे दिन अवैध शराब के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच क्रम में कई लोग नशे की हालत में पकड़े गए। शराब तस्करी को रोकने के लिए जिला के सीमावर्ती इलाके में पुलिस मुस्तैद है।
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शराब तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है। सड़क मार्ग पर तो सहज रूप से निगरानी संभव हो जाती है लेकिन जल मार्ग से हो रही तस्करी को रोक लगा सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। गंगा का विशाल तट एक बड़े इलाके को कवर करता है। इसको लेकर तटीय इलाके में ड्रोन कैमरे की मदद से निगरानी की जा रही है। उत्पाद विभाग द्वारा दो दर्जन से अधिक अवैध चुल्हाई शराब के अड्डों को ध्वस्त किया गया है। अवैध शराब की तस्करी में पकड़े गए वाहनों को जब्त कर नीलाम किया जाता है। उत्पाद अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।

जिले में अवैध शराब के धंधेबाजों पर नकेल कसने के लिए एंटी लीकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) के द्वारा सघन छापेमारी की गई है। जिले में विभिन्न इलाके में एएलटीएफ की दस अलग अलग शाखा दल है, जो प्रतिदिन अवैध


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