सारण में मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 60, स्पिरिट से शराब बनाने के कारोबार का केंद्र बिंदु बना मढ़ौरा क्षेत्र



छपरा, राजीव रंजन। सारण जिले में जहरीली शराब पीने से पिछले चार बार में हुई घटनाओं में एक बात बिल्कुल ही कॉमन रही है कि सभी घटनाएं मढ़ौरा अनुमंडल क्षेत्र में ही हुई है। यह घटना उन्हीं क्षेत्रों में सबसे अधिक हुई है जहां पर स्पिरिट से शराब बनाने का कारोबार सबसे अधिक होता है। स्पिरिट से शराब बनाने का सबसे प्रमुख अड्डा पिछले कुछ समय से मशरख, इसुआपुर, तरैया, मढ़ौरा, अमनौर आदि थाना क्षेत्र है। इस के सीमावर्ती क्षेत्र भी अब इससे अछूते नहीं रहे हैं। वहां भी धीरे-धीरे स्पिरिट से शराब बनाने का कारोबार हो रहा है। ऐसा इसलिए संभव हो पाता है कि इन स्थानों पर स्पिरिट आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

इस क्षेत्र में स्पिरिट की आसानी से उपलब्धता का मुख्य कारण है कि यूपी से बिहार व बंगाल की ओर जाने वाली सभी गाड़ियां व ट्रक सारण जिला के इन क्षेत्रों के आस पास से गुजरना। इन क्षेत्रों में टैंकरों से स्पिरिट को अवैध तरीके से बेचा भी जाता है। स्पिरिट पर बिहार में प्रतिबंध होने के कारण पुलिस द्वारा उसे जब्त भी किया जाता है। जब्त किया गया स्पिरिट इथेनॉल है या मिथेनॉल, इसकी पहचान किसी को नहीं होती है। मिथेनॉल बहुत ही जहरीला होता है। अगर स्पिरिट के टैंकर में मिथेनॉल लदा हुआ है तो निश्चित ही उसका सेवन करने वाले जहर को पी रहे हैं और उनकी मौत हो रही है।
Supreme Court ने बिहार में जहरीली शराब कांड पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार, की गई थी SIT की मांग यह भी पढ़ें
सारण जिले के अन्य क्षेत्रों में महुआ एवं गुड़ से भट्ठी में शराब बनाया जाता है। हालांकि, मढ़ौरा अनुमंडल क्षेत्र में स्पिरिट का कारोबार सबसे अधिक होता है। इन्हीं जगहों से अब आसपास के सीमावर्ती इलाकों में भी स्पिरिट से शराब बनाने का धंधा फैलने लगा है। इसके कारण अब अन्य लोग भी इसकी चपेट में आने शुरू हो गए हैं। जिस स्थान पर महुआ एवं गुड़ से देसी शराब का निर्माण किया जाता है वहां पर अब तक बड़े हादसे नहीं हुए हैं लेकिन मढ़ौरा अनुमंडल क्षेत्र में इस वर्ष चार बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें अब तक लगभग 100 लोगों की जानें जा चुकी हैं।
Chhapra: स्पिरिट के नाम पर जानलेवा केमिकल से बन रही शराब, अवैध कारोबारी भी नहीं जानते इथेनाल-मिथेनाल में अंतर यह भी पढ़ें

सारन जिला के उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि यूपी से गुजरने वाले वाहन नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा से बचने के लिए मशरख के रास्ते स्टेट हाईवे से गुजरते हैं। इसीलिए मशरख क्षेत्र स्पिरिट का सबसे बड़ा अड्डा हो गया है। चालकों द्वारा वहां पर 50-100 लीटर स्पिरिट डैमेज दिखाकर बेच दिया जाता है। इसीलिए इसी क्षेत्रों में स्पिरिट से शराब बनाने का कारोबार सबसे अधिक होता है। कंपनी से जब स्पिरिट को भेजा जाता है तो मेथेनॉल वाले टैंकर पर जहरीला लिखकर लाल निशान लगाने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। कागजों पर एवं टैंकर पर ज्वलनशील पदार्थ लिखकर भेज दिया जाता है।

अन्य समाचार