बाप को खडे़-खडे़ बेल और नाबालिग बेटे को जेल, 1 महीने से जेल और प्रोबेशन होम में दिन गुजार रहा नाबालिग



जमुई, संवाद सहयोगी: कानून में नाबालिग को दिए गए अधिकार और राहत ही उसके लिए मुसीबत बन जा रहे हैं। इस कारण से एक ही मुकदमे में बाप को तो बेल मिल गई, लेकिन नाबालिग पहले जेल और अब प्रोबेशन होम में एक महीने से अपने दिन गुजारने को मजबूर है।
मुंगेर के संग्रामपुर समदा गांव का एक महिंद्रा ट्रैक्टर को खनन विभाग ने 110 सीएफटी बालू के साथ पकड़ने की एफआईआर जमुई थाना कांड संख्या 594 /22 दर्ज की और नाबालिग 15 वर्षीय किशोर को ड्राइवर बताकर 12 नवंबर 2022 को जेल भेज दिया था। जब पिता को इस बात की जानकारी हुई तो वह अपनी जमानत के लिए सीजेएम जमुई की अदालत में उपस्थित हुआ और उसे जमानती अपराध होने के कारण बेल मिल गई।

वहीं, उसके पुत्र जिसे खनन विभाग ने ड्राइवर बता दिया था वह जेजे एक्ट के कानून की धज्जियां उड़ा कर बड़े अपराधियों के साथ जमुई जेल पहुंच गया। पिता की ओर से आवेदन देने के बाद उसे नाबालिग मानकर उसके मुकदमे को जूविनाइल जस्टिस बोर्ड जमुई भेजा गया और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जमुई ने नाबालिग किशोर को जमुई जेल से बड़े अपराधियों से मुक्त कराकर प्रोबेशन होम जमुई ट्रांसफर कराया।
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जेजेबी द्वारा नाबालिग की जमानत यह कह कर नहीं दी गई कि उसके सोशल बैकग्राउंड रिपोर्ट और एफआईआर रिपोर्ट थाने तथा प्रोबेशन पदाधिकारी से मंगाने के बाद ही नाबालिग को जमानत दी जाएगी। प्रोबेशन पदाधिकारी और जमुई थाने से मांगी गई वह रिपोर्ट पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जेजेबी द्वारा रिमाइंडर और शोकाज करने के बावजूद जमुई जेजेबी को प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि, नाबालिग के पिता रंजीत कुमार ने बताया कि उन्होंने मुखिया तथा सरपंच से नाबालिग पुत्र के स्वच्छ चरित्र प्रमाण पत्र को जेजेबी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। बावजूद रिपोर्ट के इंतजार में उसके पुत्र को जमानत नहीं दी जा रही है।
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नाबालिग के पिता ने बताया कि वह अपनी गाड़ी को मरम्मति करने के लिए खड़ा कर उसकी सुरक्षा के लिए अपने पुत्र को छोड़कर पैसा लाने अपने घर मुंगेर के संग्रामपुर चला गया था। जहां खनन विभाग के पदाधिकारियों ने उसके नाबालिग पुत्र को ड्राइवर बता कर पकड़ लिया और जमुई जेल भेज दिया, जबकि यह नियम के विरुद्ध था।
जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो वह घर से आकर हर रोज केस की पैरवी और अपने नाबालिग पुत्र को छुड़ाने के लिए 100 किलोमीटर का सफर तय कर बर्बाद हो चुके हैं। जेजेबी के चक्कर लगाने में उनकी खेती-बाड़ी भी खत्म हो गई है।

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