Hajipur: MBA पास बहू से हारी चचेरी सास, 153 साल के इतिहास में सांसद निषाद के परिवार ने बनाया एक और रिकॉर्ड



हाजीपुर, रवि शंकर शुक्ला: हाजीपुर नगर परिषद चुनाव का परिणाम मंगलवार को आ गया। यहां 45 वार्डों में हुए चुनाव में सर्वाधिक चर्चा मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद की हार की हो रही है।
हार-जीत के वैसे तो बहुत से कारण होते हैं, लेकिन यहां पर हार का कारण और कोई नहीं बल्कि परिवार की बहू ही बनीं। एमबीए डिग्री धारक पुत्रवधू ज्योत्सना ने अपनी सास के खिलाफ ना सिर्फ चुनाव लड़ा बल्कि चुनावी मैदान में मात भी दे दी है। यह हार इस मायने में अहम है क्योंकि नगर परिषद के चुनाव में मुख्य पार्षद समेत काफी संख्या में वार्ड पार्षदों के पद पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने अपनी जीत दर्ज कराई है। भाजपा की जीत के बीच पार्टी के ही सांसद की पत्नी की हार के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं, जो चर्चा के केंद्र में है।

हाजीपुर नगर के वार्ड संख्या एक में सबसे कम उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। वार्ड पार्षद के चुनाव में मात्र दो उम्मीदवार ही खड़े थे। इनमें दोनों एक ही परिवार के सदस्‍य हैं। सीधा मुकाबला भी परिवार के ही दोनों सदस्यों के बीच हुआ। मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद के मुकाबले में परिवार की ही पुत्रवधू ज्योत्सना थीं। वार्ड में रमा की लोकप्रियता का ही परिणाम था कि किसी अन्य ने उनके खिलाफ नामांकन नहीं किया था। चुनाव में ज्योत्सना को 1104 और रमा निषाद को 1051 वोट मिले हैं। इस तरह पुत्रवधू ने अपने ही परिवार की रिश्ते में सास रमा निषाद को मात्र 53 मतों के अंतर से पराजित कर दिया।


एमबीए की डिग्री हासिल कर चुनावी मैदान में अपनी ही सास के खिलाफ जीत दर्ज कराने वाली ज्योत्सना मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद के परिवार की ही रिश्ते में पुत्रवधू हैं। ज्योत्सना के ससुर विजय सहनी बिहार में प्रदेश स्तर के जदयू के वरिष्ठ नेता हैं, जो जेपी सेनानी भी हैं। सांसद अजय निषाद और विजय आपस में चचेरे भाई हैं। विजय सहनी जदयू से वैशाली लोकसभा सीट का चुनाव भी लड़ चुके हैं। संयोग से किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जय नारायण निषाद के दिवंगत होने के बाद अजय निषाद मुजफ्फरपुर से भाजपा के सांसद निर्वाचित हो गए और लगातार दूसरे टर्म में भी पद पर आसीन हैं।




वर्ष 2007 में रमा निषाद हाजीपुर नगर परिषद में अपनी जीत दर्ज कराकर पहली बार में ही सभापति बन गईं थीं। रमा 09 जून 2007 से 08 जून 2012 और दूसरे टर्म में 09 जून 2012 से 19 अगस्त 2014 तक सभापति रहीं। इसके बाद नगर परिषद में सभापति का पद रिजर्व हो गया।
रमा निषाद दो कार्यकाल में हाजीपुर नगर परिषद की उपसभापति रहीं। नगर परिषद पर उनका वर्चस्व कायम रहा और उनके समर्थन से दो मुख्य पार्षद बनें। वर्ष 2007 से लगातार डेढ़ दशक तक रमा हाजीपुर नगर परिषद की वार्ड पार्षद के पद पर अपनी जीत दर्ज कराती रहीं।




हाजीपुर नगरपालिका से लेकर नगर परिषद बनने के 153 वर्षों तक के इतिहास में एक ही परिवार ऐसा रहा जिसे पांच टर्म अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त हो सका। पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत जय नारायण प्रसाद निषाद हाजीपुर नगरपालिका के तीन टर्म तक अध्यक्ष रहे। वहीं, उनकी पुत्रवधू रमा निषाद नगर परिषद की दो टर्म जून 2007 से अगस्त 2014 तक सभापति रहीं। यह अवसर किसी और परिवार को नहीं मिला।

यह भी पढ़ें- Bihar News: अवैध शराब कारोबारियों पर नकेल कसने गई पुलिस की टीम पर हमला,कई घायल; गाड़ी क्षतिग्रस्त

अन्य समाचार