Bagaha: पिता के दोस्त के साथ था मां का अवैध संबंध, बेटी ने आपत्तिजनक हालत में देखा तो दुष्कर्म के बाद की हत्या



बगहा, संवाद सहयोगी। पश्चिम चंपारण के बगहा स्थित पठखौली ओपी क्षेत्र में हुई छात्रा के दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में शामिल मुख्य आरोपी जितेंद्र यादव को पुलिस ने मंगलवार की रात गिरफ्तार कर लिया। आरोपित का कबूलनामा सुनकर पुलिस के भी दंग रह गई। उसने पुलिस को बताया कि नाबालिग छात्रा की मां के साथ उसका दस साल से अवैध संबंध था, जिसके चलते वह अक्सर उसके घर जाया करता था। घटना से कुछ दिन पूर्व मृतका की मां के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए छात्रा ने देख लिया था। बदनामी नहीं हो इसके लिए आरोपित उसे अपने खेत में बुलाकर ले गया। फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी ने घटित घटना की जानकारी स्वजन को देने की बात कही तो उसे गला दबाकर मार डाला। फिर सबूत मिटाने के लिए उसे नदी किनारे जमीन में दफना दिया।

यह जानकारी बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने पटखौली ओपी में पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार जितेन्द्र यादव ने स्वीकार किया है कि नाबालिग के साथ उसने अकेले ही दुष्कर्म कर साक्ष्य को छुपाने के लिए शव को हरहा नदी के किनारे गड्ढा खोद कर छिपाया।




छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या मामले की गुत्थी पुलिस ने जिस तरह सुलझाई है यह किसी के गले नहीं उतर रही। पुलिसिया कार्रवाई पर मृतक किशोरी के स्वजन को भरोसा नहीं है। यही कारण है कि स्वजन ने अभी तक मृतक के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। स्वजन का कहना है कि जब तक शेष हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है। तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उन्हें शक है कि अभियुक्त जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
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नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है। 15 दिसंबर को किशोरी का अपहरण हुआ। अगले दिन 16 दिसंबर को उसकी मां आवेदन लेकर पठखौली ओपी पहुंची। उसे भगा दिया गया। स्वजन ने एसडीपीओ बगहा से गुहार लगाई तो 17 दिसंबर को जितेंद्र यादव, लड्डू आलम, नूर आलम, सदरे आलम, साहेब अंसारी, आफताब आलम को नामजद किया गया। अब जब किशोरी की हत्या हो गई तो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुख्य आरोपित जितेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मृतका की मां पर आरोपित के हवाले अनसुलझे लांछन धर दिए।

पुलिस का कहना है कि छात्रा की मां के साथ जितेंद्र का अवैध संबंध था। जिसे उसने देख लिया था। बदनामी से बचने के लिए जितेंद्र ने उसे मौत के घाट उतारा। अगर ऐसा था तो फिर छात्रा की मां जितेंद्र के खिलाफ नामजद तहरीर लेकर पुलिस के पास क्यों जाती? जब जितेंद्र के संबंध उसकी मां के साथ थे तो उसने किशोरी की हत्या से पूर्व उसके साथ दुष्कर्म क्यों किया? यही नहीं पुलिस इस मामले में अब सिर्फ जितेंद्र को ही दोषी बता रही है। जबकि छात्रा का अपहरण कर दो दिन तक शव छुपाए रखना और गड्ढा खोदकर दफना देना वह भी अकेले, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। पुलिस की पहेली से स्वजन भी काफी नाराज हैं।

18 दिसंबर की सुबह करीब सात बजे पोखरभिंडा गांव के समीप हरहा नदी किनारे छठवीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा का शव मिला। उसे मिट्टी में दफना दिया गया था। उसके ऊपर कांटे रखे गए थे। उसपर पौधा भी लगा दिया गया था। चार दिन से गायब नाबालिग की तलाश में स्वजन जुटे हुए थे। हत्या की आशंका को भांप चुके स्वजन नदी किनारे दफनाई गई जगह पर पहुंचे। खुदाई करने पर किशोरी का शव बरामद हो गया। उसके साथ दुष्कर्म कर गला दबाकर मार दिया गया था। बायीं आंख भी फोड़ दी गई थी। शव के पास स्कूल ड्रेस व गन्ने के खेत से चप्पल मिला था।

आक्रोशित लोगों ने बगहा-सेमरा मार्ग के हिरौती चौक को जाम कर दिया। उनका कहना था कि 15 दिसंबर को गांव का जितेन्द्र यादव किशोरी को साथ गन्ना का पत्ता लाने के लिए अपने साथ सरेह में लेकर गया था। उसी समय उसका अपहरण कर लिया गया था। देर शाम तक जब वह घर नहीं पहुंची तो स्वजन इसकी सूचना पुलिस को दी गई। गांव के जितेंद्र यादव, लड्डू आलम, नूर आलम, सदरे आलम, साहेब अंसारी, आफताब आलम को नामजद किया गया, लेकिन पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

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