भारत विश्व में मानवता का धरोहर, यहां जैसा लोकतंत्र दुनिया के किसी देश में नहीं: धर्मेंद्र प्रधान



संवाद सहयोगी, रोहतास: भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति द्वारा गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दूसरे दिन मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसमें अपना वक्तव्य दिया। इस दौरान प्रधान ने कहा कि भारत विश्व मानवता का धरोहर है। भारत जैसा प्रजातंत्र दुनिया के किसी देश में नहीं है। मैकाले ने हमारी आस्था पर चोट लगाने का काम किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष 26 जनवरी वसंत पंचमी के दिन नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को सही इतिहास पढ़ाया जाएगा।

आगे बोलते हुए मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति इतिहास को सुधारने का मौका देती है। केवल जोरावर सिंह, फतेह सिंह ही भारतीय नायक नहीं हो सकते है। भारत के हर जिले में इस तरह के कई उदाहरण और नायक हैं। विविधता का मतलब हमारे देश में अलग-अलग संस्कृति होते हुए भी हमसब एक हैं। आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा को प्रमुखता दी गई है। जब तक मातृभाषा को प्रमुखता नहीं दी जाएगी तब तक बच्चों को सही तरीके से शिक्षा नहीं दी जा सकती।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत संबंधित अध्ययन को बढ़ावा देने का काम किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार सभी भाषा राष्ट्रीय भाषा है। तकनीकी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने की जरूरत है। विश्व के 140 देशों को हमने करुणा का संदेश दिया है। वहीं प्रधान ने ये भी कहा कि डेढ़ सौ टीवी चैनल स्कूल के लिए समर्पित किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया।

शिक्षा मंत्री ने भारत को दुनिया का सिरमौर बताते हुए कहा कि अब प्रतिरोध का जमाना चला गया, दुनियां में 500 करोड़ वैश्विक नागरिकों का केंद्र बिंदु भारत है। वहीं रोहतास की विशेषता बताते हुए कहा कि 7000 वर्ष पूर्व मूर्ति बनने का प्रमाण इसी इलाके में मिला है। बता दें इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। इसके पूर्व अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के बालमुकुंद पांडेय, हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रोफेसर सत्यप्रकाश बंसल समेत ने कई ने अपनी बातें रखी थी।

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