खेती के लिहाज से गड़बड़ रहा यह साल, धान के उत्पादन में 13 प्रतिशत तक आई कमी; किसानों को अब 2023 से उम्‍मीद



बगहा, संवाद सहयोगी: इस साल अनुकूल वर्षा नहीं होने से खरीफ फसल की पैदावार लगभग 13 प्रतिशत प्रभावित हुई है। वहीं, बाढ़ की अवधि बढ़ने से कई जिलों में रबी की खेती पर भी असर पड़ा। कुल मिलाकर किसानों के लिए इस साल खेती का अनुभव ठीक नहीं रहा है।

धान की खरीद, यूरिया को लेकर मारामारी भी किसानों के लिए कटु अनुभव लेकर आई। इन सबके बीच आशान्वित किसान खेती-बाड़ी कर रहे हैं। पूसा कृषि विश्वविद्यालय मौसम आधारित कृषि को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है। इसे ध्यान में रखकर कुछ फसलों की नई प्रजातियों को भी विकसित किया जा रहा है। हाल-फिलहाल आई रबी की चार प्रजातियों को किसान लगा चुके हैं। इनसे अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद है।


कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय की ओर से गेहूं प्रजाति पीबीडब्लू 187, 322, 252 व राजेंद्र गोंड़ तीन विकसित की गई है। पीबीडब्लू 187 की पैदावार 70 से 75 कुंटल प्रति हेक्टेयर है। इसमें आयरन की मात्रा अधिक है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताई जा रही है। इसी प्रकार 50 से 55 कुंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार वाले राजेंद्र तीन नामक गेहूं की प्रजाति विकसित की गई है। इसमें जिंक की मात्रा भरपूर बताई जा रही है।
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इन नई प्रजातियों से किसानों को खरीफ के क्षतिपूर्ति की उम्मीद है। वहीं गन्ना फसल में 14201, 15023, राजेंद्र गन्ना 1,2,3 प्रजाति का विकास किया गया है। इसे अब यूपी तक के किसान लगा रहे हैं। राजेंद्र गन्ना चार और पांच नए वेराइटी की सौगात किसानों को नए साल में मिलने वाली है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से नुकसान की संभावना कम है।

रामपुर निवासी किसान गोरख यादव का कहना है कि इस बार खरीफ सीजन में सूखे की मार पड़ी है। जिन किसानों ने पंपिंगसेट के जरिए सिंचाई कर फसल को जिंदा रखा उनकी पैदावार पर खास असर नहीं हुआ। जो भगवान भरोसे रहे उन्हें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।
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पतिलार गांव निवासी दीपक सहनी का कहना है कि फसल पर एक तरफ कुदरत की मार पड़ रही है तो दूसरी ओर समय पर खाद न मिलने से भी खेती प्रभावित हो रही है। सिधांव गांव के किसान सुबोध महतो का कहना है कि समय पर खाद की किल्लत होने से डेढ़ गुना खर्च करना पड़ता है। इससे फसल की लागत बढ़ जाती है। नए साल में हमें सरकार से भी काफी अपेक्षाएं हैं।
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