फिर अचानक आई मौत: दौड़ते-दौड़ते गिरा और चंद मिनट में चली गई जान, 15 दिन में एक ही मोहल्ले में एक जैसे दो हादसे





बक्सर, जागरण संवाददाता। शहर के सुमेश्वर स्थान इलाके में सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे कुछ युवा शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इनमें एक युवक नई बाजार, दर्जी मुहल्ला के रहने वाले दीपक कुमार शर्मा (24 वर्ष) भी थे। दीपक पिछले तीन दिनों से हर सुबह अपने दोस्तों के साथ दौड़ने और कसरत का अभ्यास करते थे।
मंगलवार को दौड़ने के क्रम में ही वे गिर पड़े। उनके साथ मौजूद दोस्त तुरंत मोटरसाइकिल से लेकर सदर अस्पताल के लिए निकले। करीब दो किलोमीटर दूर सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही दीपक की मौत हो गई। अस्पताल में डाक्टर ने भी दीपक को मृत घोषित कर दिया। शहर के इसी मुहल्ले में एक पखवारे के अंदर यह ऐसी दूसरी घटना है।

दीपक के साथ एक ही कमरे में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले मुकेश बताते हैं कि उनके दोस्त को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। दोनों पिछले कई साल से साथ रहकर नौकरी की तैयारी करते थे। मुकेश के मुताबिक दीपक ने रेलवे ग्रुप डी भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी और इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारी में जुटा था।
दीपक को पहले से दौड़ने का अभ्यास नहीं था। इसलिए वह थोड़ा दौड़ने पर थक जाता था। वह पिछले तीन दिनों से ही दौड़ने का अभ्यास करने अपने दोस्तों के साथ जा रहा था। मंगलवार को दौड़ते हुए थकने के बाद वह थोड़ी देर के लिए सुस्ताया था। इसके बाद दोबारा दौड़ना शुरू किया और कुछ दूर चलते ही चक्कर खाकर गिर पड़ा।इसके बाद उसे बचाया नहीं जा सका।
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दीपक के परिवार की हालत आर्थिक तौर पर बहुत ठीक नहीं है। घर में उसकी बूढ़ी मां अकेली रह गई हैं। पिता का करीब एक साल पहले निधन हो गया था। उसके बड़े भाई चेन्नई में रहकर निजी कंपनी की नौकरी करते हैं। दीपक की चार बहनें हैं और सभी की शादी हो चुकी है। दीपक के निधन से दोस्त और मुहल्ले के लोग हैरान हैं।
नई बाजार के सतीश कुमार गुप्ता (40 वर्ष) के साथ भी ऐसा ही हुआ था। उनके भाई मनीष बताते हैं कि सतीश 16 दिसंबर की शाम 7.30 बजे के करीब दुकान से घर आए। उन्होंने खाना खाया और किसी काम से फिर बाहर निकलने की तैयारी में थे। इसी बीच उन्हें अचानक चक्कर आया और वे गिर पड़े। परिवार के लोग उन्हें लेकर भागे-भागे सदर अस्पताल पहुंचे।
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अस्पताल में देखते ही डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी संतोष नहीं हुआ, तो परिवार के लोग उन्हें एक निजी अस्पताल में भी ले गए थे। मनीष का दावा है कि उनके भाई को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। वे पूरी तरह स्वस्थ थे। जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन भी उन्हें कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई। शाम को तबीयत अचानक बिगड़ी, तो चंद मिनट का मौका भी उनकी जान बचाने के लिए नहीं मिल सका।
अचानक इस तरह से किसी की मौत होना, उसकी अंदरूनी शारीरिक कमजोरी को दर्शाता है। हो सकता है उसका हृदय कमजोर रहा हो। युवक को अंदरूनी परेशानी या कमजोरी हो सकती है। असल में, अधिक श्रम करने वालों को खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। आजकल ढेरों ऐसे युवक सदर अस्पताल में ओपीडी में भी दिखाने के लिए आते हैं, जिनको शरीर या पैर में दर्द या खिंचाव की शिकायत रहती है। - डा. अनिल कुमार सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल।

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