Bihar University : शोध चक्र पर डाटा अपलोड करने वाला छठवां विवि बना मिथिला विश्वविद्यालय



जागरण संवाददाता, दरभंगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शोधकार्य के लिए बनाए गए वेबसाइट शोध चक्र पर मंगलवार को विभागों का नाम अपडेट किया गया। वेबसाइट पर डाटा अपडेट करने वाले विश्वविद्यालय में पटना विश्वविद्यालय, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट आफ सोशल स्टडीज, मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय, पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के बाद छठे नंबर पर मिथिला विश्वविद्यालय का नाम दर्ज है।

लेकिन अबतक विश्वविद्यालय के अधिकांश विभागाध्यक्ष द्वारा शोधार्थी एवं पर्यवेक्षक की जानकारी नहीं भेजी गई है। इस कारण वेबसाइट पर पर्यवेक्षक का पंजीयन नहीं हो सका है। बता दें कि कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने 21 दिसंबर 2022 को एक पत्र जारी कर विभागाध्यक्षों से 28 दिसंबर 2022 तक सभी वर्तमान शोधार्थी एवं पर्यवेक्षक का डाटा शोध चक्र पर पंजीयन के लिए भेजने को कहा था।
इसमें अधिकांश विभागाध्यक्ष के शिथिलता के कारण मंगलवार तक केवल आठ विभागों से शोधार्थी एवं पर्यवेक्षक का डाटा केन्द्रीय पुस्तकालय को प्राप्त हुआ है। इसमें भी अधिकांश विभाग के डाटा में व्यापक त्रुटि देखी जा रही है। जबकि 31 दिसंबर 2022 तक हर हाल में सभी शोधार्थी एवं पर्यवेक्षक का डाटा अपडेट होना था। शोध चक्र वेबसाइट पर विभाग का डाटा अपडेट होने से शोधार्थी अपना पंजीयन तो कर पा रहे हैं, लेकिन पर्यवेक्षक का डाटा नही होने के कारण पंजीयन कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है।

शोध चक्र वेबसाइट पर शोधार्थी के पंजीयन के साथ ही विभिन्न जानकारियों की मांग की जा रही है। इसमें पीएचडी पंजीयन संख्या भी मांगा जा रहा है। जबकि विश्वविद्यालय में अबतक किसी भी शोधार्थी का पंजीयन प्रमाणपत्र एवं संख्या जारी नही हो सका है। यह पीएचडी अवार्ड नोटिफिकेशन के समय जारी किया जाता है।

विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता को लेकर कई कमेटी बनाई गई। लेकिन इसे धरातल पर लागू नहीं किया जा सका है। विश्वविद्यालय में रेगुलेशन अनुसार विश्वविद्यालय वेबसाइट एवं शोध गंगा पर थीसिस अपलोड करना अनिवार्य है। लेकिन अबतक केवल दो थीसिस ही अपलोड किए गए हैं। इसके लिए यूजीसी के सचिव द्वारा सोमवार को निर्देश भी जारी किया गया है। विश्वविद्यालय में सभी शोधार्थी से शोध प्रबंध के साथ सीडी भी जमा करवाया जाता रहा है, जबकि इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है।

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