Arrah News : बिहार-यूपी को जोड़ने वाले कोईलवर पुल को खतरा, खुफिया विभाग ने भेजी रिपोर्ट, हरकत में प्रशासन



जासं, आरा। भोजपुर जिले के कोईलवर ब्रिज पर बालू ओवरलोड लगातार वाहनों के खड़े होने से इसके स्ट्रक्चर पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है। यह पुल बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है। इसकी रिपोर्ट एनएचएआई के द्वारा जिला प्रशासन और राज्य मुख्यालय को भेजने के बाद हड़कंप मच गया है। बुधवार को दैनिक जागरण के द्वारा इस मामले को प्रकाश में लाने के बाद खुफिया विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है।
एनएचएआई ने जिले के कई बस और ट्रक एसोसिएशन के लोगों के साथ आम लोगों से फीडबैक लेकर राज्य मुख्यालय को एक संक्षिप्त रिपोर्ट भेजी है। एक-दो दिनों में और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी। मालूम हो एनएचएआई ने लगातार ओवरलोड वाहनों के खड़े होने से लग रहे महाजाम की विकट स्थिति के समय एंबुलेंस तक को भी पास नहीं मिलने की जानकारी देते हुए अविलंब एक लेन पर बालू ओवरलोड वाहनों का परिचालन रोकने का अनुरोध किया है।

इसके साथ ही महाजाम से निपटने के लिए अन्य विकल्पों को अपनाकर ब्रिज पर वाहन खड़ा नहीं करने देने का अनुरोध किया है। ऐसा लगातार होने से ब्रिज के स्ट्रक्चर पर कुप्रभाव पड़ने की जानकारी पटना और भोजपुर जिले के डीएम समेत पथ निर्माण विभाग के अफसरों को दी है। ब्रिज से जुड़ी खबर छपने के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पीएमओ कार्यालय, मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी दी है।
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एनएचएआई के परियोजना निदेशक अमित रंजन चित्रांशी के द्वारा लिखे पत्र में महाजाम से नासरीगंज-बिहटा मुख्य मार्ग पर सैकड़ों ट्रकों के खड़े रहने के कारण मुख्य मार्ग के साथ-साथ कोईलवर-बिहटा नवनिर्मित सोन ब्रिज पर भी जाम लग रहा है। इस दौरान सैकड़ों ट्रकों के खड़े रहने से पुल पर लोड काफी बढ़ रहा है। इससे पुल के स्ट्रक्चर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
इससे अविलंब मुक्ति दिलाने के लिए तत्काल प्रभाव से वाहनों के पुल पर खड़े रहने पर रोक लगाते हुए ओवरलोड वाहनों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही प्रशासन से ब्रिज की एक लेन पर ही ट्रकों का संचालन किए जाने का अनुरोध किया गया है, इसे सुरक्षित यातायात के साथ आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं होगी।
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इस पत्र के पहले भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के द्वारा तीन बार पत्र पटना और भोजपुर जिले के प्रशासन को लिखा जा चुका है। पहला पत्र 19 फरवरी 2021 में, दूसरा पत्र 11 अप्रैल 2022 में और तीसरा पत्र चार जून 2022 में लिखे जाने के बाद भी प्रशासन ने अब तक कोई कारगर उपाय नहीं किया है। इस कारण जाम का कुप्रभाव अब आम लोगों के साथ-साथ संसाधनों पर भी दिखने लगा है।
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गौरतलब है कि 14 मई 2022 को केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 266 करोड़ की लागत से सोन नदी पर बने इस पुल का लोकार्पण किया था।-55 टन के बदले 80 से 100 टन भार वाहनों का हो रहा परिचालनपटना-भोजपुर, अरवल के अलावा सारण जिले की खनन विभाग तथा जिला प्रशासन की लापरवाही का फायदा ओवरलोडिंग परिचालन कर ट्रक संचालक उठा रहे हैं।
कोईलवर ब्रिज पर 55 टन के बदले रोजाना 80 से 100 टन की 18 और 22 चक्का ट्रकों का का परिचालन हो रहा है। हद तो तब हो जाती है, जब ओवरलोड ये वाहने कोईलवर ब्रिज पर घंटों खड़ी रहती है। ओवरलोड ट्रकों के ब्रिज पर खड़ी होने के कारण इसके अस्तित्व पर सवाल उठने लगा है।


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