Makar Sankranti 2023: ठंड पर आस्था भारी, मकर संक्रांति पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़, खूब हुआ दान-पुण्य



जागरण संवाददाता, छपरा: मकर संक्रांति का पर्व रविवार को पूरे आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा हैं। कड़ाके की ठंड में भी स्नान करने के लिए नदी के घाटों पर रविवार सुबह से ही भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने पाप नाशनी गंगा, गंडक और सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया।
सूर्य के दक्षिणायण से उत्तरायण होने पर रविवार को नदी के घाट 'हर- हर महादेव', 'जय गंगा मईया' के जयघोष से गूंज उठा। छपरा शहर के सोनारपट्टी घाट, धर्मनाथ मंदिर घाट, सीढ़ी घाट, डोरीगंज के तिवारी घाट, बंगाली बाबा घाट, रिविलगंज के गौतम ऋषि घाट, मांझी घाट के श्रीरामघाट पर स्नान करने के लिए महिला-पुरूषों की भीड़ उमड़ी है।

मकर संक्रांति को लेकर सनातन धर्म में मान्यता है कि इसी दिन भीष्म पितामह को मोक्ष मिला था। पंडित अनित शुक्ल ने बताया कि मकर संक्रांति को स्नान और दान करने पर उसका फल कई जन्मों तक मिलता है। इसलिए इस दिन श्रद्धालुओं ने दान किया, कई लोगों ने तिल, गुड़, चूडा-दही खिचड़ी आदि के साथ लकड़ी और अग्नि दान किया।
स्नान के बाद लोग दही-चूड़ा के साथ तिल-तिलकुट खायेंगे। घरों में रात को नये चावल की खिचड़ी बनेगी। दोस्तों और अन्य रिश्तेदारों को भी लोग आमंत्रित कर खिचड़ी खिलाते हैं। खिचड़ी को लेकर शहर से लेकर गांव तक में उत्सवी माहौल है।
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भरत मिश्र संस्कृत महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अंम्बरीश कुमार मिश्र ने बताया कि मकर सक्रांति महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है क्योंकि इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। इसी दिन से देवताओं का दिन प्रारंभ हो जाता है, जो कि समस्त मांगलिक कार्य के लिए शुभ माना जाता है।
बता दें कि सूर्य जब धनु राशि में यात्रा करते हैं तो उस समय खरमास लग जाता है। ऐसे में इस दौरान शुभ कार्य वर्जित हो जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों की शुरुआत होने लगेगी। खरमास के खत्म होते ही शादी, मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
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मकर संक्रांति को लेकर नदी घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की गई। उसके साथ ही नदियों में नावों का परिचालन बंद है। इस संबंध में जिलाधिकारी राजेश मीणा ने निर्देश पर मकर संक्रान्ति त्योहार को लेकर 14 और 15 जनवरी को नावों के परिचालन पर रोक लगा दिया। नदी घाटों पर पतंगबाजी पर भी रोक है। डीएम के आदेश पर शहर के सभी घाटों पर पुलिस पदाधिकारी और गोताखोर तैनात हैं। इसके अलावा जिला में नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया, जहां से घाटों पर निगरानी रखी गई।

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