बिहार पुलिस की अजब-गजब कहानी: कोर्ट से रिहाई के बावजूद तीन साल बाद कर लिया बुजुर्ग को गिरफ्तार



संवाद सहयोगी, जमुई। चरकापत्थर थाना पुलिस की एक अजब-गजब कहानी सोमवार को जमुई कोर्ट परिसर में देखने को मिली है। जिस आरोपित को तीन साल पूर्व कोर्ट ने बाइज्जत रिहा कर दिया था। सोमवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने के लिए कोर्ट ले आई।
पुलिस की इस हरकत से बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह ने कोर्ट को हकीकत से रूबरू कराया। निर्दोष को गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने की बात कही गई। फिर कोर्ट ने पुराने रिकार्ड को मंगवाकर पूरे मामले की जांच की। अधिवक्ता के दावे को सत्य पाते हुए गिरफ्तार वृद्ध को रिहा कर दिया गया।

दरअसल, बिना जांच-पड़ताल किए 2009 के एक वारंट के आधार पर चरकापत्थर थाने की पुलिस ने रविवार की देर रात 12 बजे सोनो थाना क्षेत्र के महेश्वरी गांव निवासी फूचो सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जबकि फरवरी 2019 में ही ट्रायल के दौरान कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया था। इसके बावजूद बिना जांच-पड़ताल किए पुलिस ने वृद्ध को गिरफ्तार कर लिया। 20 घंटे तक बेवजह हथकड़ी लगाकर रखा। इस मामले को लेकर कोर्ट परिसर में भी शाम तक हलचल रही।
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बताया जाता है कि वर्ष 1995 में सोनो थाना क्षेत्र के महेश्वरी गांव में अनिरुद्ध सिंह और शंकर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत आधा दर्जन लोगों के साथ फूचो सिंह को भी नामजद आरोपित बनाया गया। इस मामले में फूचो सिंह फरार थे। उनके खिलाफ वारंट निकला था। उसके बाद पुलिस ने 2019 उसे गिरफ्तार कर लिया।
ट्रायल के दौरान कोर्ट ने उसे निर्दोष मानते हुए रिहा कर दिया। अब ताजा घटनाक्रम में पुलिस की लापरवाही सामने आ गई। बुजुर्ग की रिहाई के तीन साल बाद और वारंट जारी होने के 12 साल बाद फूचो सिंह को एक बार फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को उसे कोर्ट ने कागजात की जांच करने के बाद रिहा कर दिया।


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