East Champaran: जिले में ईंट-भट्ठाें से फैल रहा प्रदूषण, कोई बिना NOC तो कोई मानकाें के उलट कर रहा संचालन



मोतिहारी, जागरण संवाददाता: हाल ही में जिले के रामगढ़वा प्रखंड के नरिरगीर में चिमनी विस्फोट में ग्यारह लोगों की मौत होने के बाद ध्‍वस्‍त कर दिया गया था। इस चिमनी की आग भले ही उसके जमींदोज होने के साथ दब गई हो, लेकिन जिले में चिमनी संचालन की जांच में जो बातें सामने आ रही हैं, वो बेहद ही चिंताजनक है। जिले में ऐसी ही कई चिमन‍ियां आज भी बेगुनाहों की जान पर सकंट के बादल बनकर संचालित हो रही हैं। अबतक जो जांच की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उसमें अधिकतर चिमनियां प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं।

जिले में चिमनी संचालकों की मनमानी के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। खासकर रहवासी इलाकों के आसपास चिमनी होने के कारण इसका प्रभाव सीधे लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। जिले में लंबे समय से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनओसी लिए बगैर चिमनी का संचालन यहां हो रहा है। जिला खनन विभाग के पास जिले में 353 चिमनी संचालित होने का आंकड़ा है। यह आंकड़ा उन्हीं चिमनियों का है, जिन्होंने पिछले साल राजस्व जमा किया था। खनन विभाग के स्तर से भी सत्यापन किया जा रहा है।
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बता दें कि रामगढ़वा के नरिरगीर में 23 दिसंबर 2022 को चिमनी विस्फोट में चिमनी मालिक समेत 11 लोगों की मौत के बाद प्रशासन की नींद खुली। इस घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जांच टीम का गठन जिलाधिकारी ने किया। टीम में अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष चिमनी की बिंदुवार जांच कर रहे हैं। जांच की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसमें मुख्य रूप से यह देखा जा रहा है कि प्रदूषण प्रमाण पत्र, राजस्व का भुगतान, मजदूरों की स्थिति, साफ-सफाई आदि है या नहीं। फिलहाल अभी हरसिद्धि प्रखंड की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है।

एक प्रखंड की जांच में कॉमन बात यह सामने आई है कि अधिकतर चिमनियों की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एनओसी की अवधि समाप्त हो चुकी है। कई चिमनियों का राजस्व भी जमा नहीं है। इस स्थिति में चिमनी का संचालन न केवल हादसों को आमंत्रण दे रहा है, बल्कि प्रदूषण के ग्राफ को भी बढ़ा रहा है। ऐसा माना जा रहा है जांच टीम जब जिले के सभी प्रखंडों की जांच पूरी कर लेगी तो चिमनियों की संख्या का भी सही आंकलन हो सकेगा। साथ ही मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली चिमनिया भी चिन्हित हो जाएंगी। विभाग का मानना है कि जांच रिपोर्ट के बाद संबंधित चिमनी संचालकों पर कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी।


जिले में चिमनी की जांच चल रही है। अभी हरसिद्धि की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसमें अधिकतर के प्रदूषण विभाग से एनओसी की अवधि समाप्त हो चुकी है। कुछ का राजस्व भी बकाया है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - रागिनी कुमारी, जिला खनन पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण।

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