चोरों का तांडव: डाक्टर, इंजीनियर और पुलिस को भी नहीं छोड़ा, एक रात में एकसाथ सात घर के ताले तोड़े



संवाद सहयोगी कलेर, अरवल। कलेर थाना क्षेत्र में चाेर अब पुलिस के घरों को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। गुरुवार की रात्रि बंद पड़े सात घरों को चोरों ने निशाना बनाया। इनमें डाक्टर, इंजीनियर, पुलिस पदाधिकारी के आवास भी शामिल हैं। चोर पूरी रात तांडव मचाते रहे और पुलिस सोती रही। शुक्रवार की सुबह सांप गुजर जाने के बाद पुलिस लाठी पीटने गांव पहुंची।
गुुरुवार की रात लगभग एक दर्जन चोरों ने थाना क्षेत्र के बेलांव के सात बंद घरों में तांडव मचाया। लाखों की नगदी तथा सोने-चांदी के गहने उड़ा लिए। ग्रामीणों को इसकी जानकारी सुबह खेतों में बिखरे पड़े सामान देखकर लगी। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना देकर बंद घरों की छानबीन शुरू की।

सूचना के बाद सर्किल इंस्पेक्टर माधवेंद्र सिंह दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। चोरी की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने खोजी कुत्ते को मंगाया गया। मकान के चारों ओर बिखरे हुए सामान सूंघने के बाद कुत्ते को दौड़ाया गया, जो मकान के पीछे के रास्ते से निकल कर विद्यालय होते हुए तकरीबन एक किलोमीटर दूरी पर खुला मैदान में जाकर रुक गया।
गांव के किशोर कुमार, कईल साव, हरिदास सिंह, अर्जुन सिंह, राजनंदन सिंह, मनोज सिंह एवं स्नेहलता के घर में चोरी हुई है। सात लोगों के स्वजन घर से बाहर रहते हैं। सभी मकान बंद रहते हैं। मनोज बेतिया में उत्पाद अधीक्षक पद पर कार्यरत हैं।

वहीं, राजनंदन झारखंड के बोकारो में नौकरी करते हैं। स्नेहलता रांची में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करती हैं। सभी लोग अपने परिवार के साथ बाहर रहते हैं। अर्जुन सिंह के घर से चोरों ने 90 हजार नकद व अन्य समान की चोरी कर लिए। चोरी की लगातार हो रही घटनाओं से इलाके के लोग सहम गए हैं।
चोरों द्वारा खासकर वैसे घरों को निशाना बनाया जा रहा है, जो बंद पड़े होते हैं। स्थानीय मुखिया मंजू पटेल ने बताया कि चोरों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि घटना के पहले चोरों ने घरों की रेकी जरूर की होगी। थानाध्यक्ष संजीत सिंह ने बताया कि पीड़ित गृहस्वामियों के गांव लौटने पर चोरी की घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

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