Darbhanga: रेलिंग विहीन जर्जर पुल, वाहन गुजरते हैं तो कांप जाता है कलेजा; बनने के 5-6 साल में ही टूट गई रेलिंग



संवाद सहयोगी, (कुशेश्वरस्थान) दरभंगा: सतीघाट-राजघाट मार्ग पर जब बेर-मोहिम के रास्ते कमला नदी के लरांच घाट पर बने स्क्रू-पाइल पुल से होकर जब वाहनों का आवागमन होता है तो उस पर सवार लोगों की धड़कनें अचानक बढ़ जाती है। सोहरबा घाट स्थित कमला नदी में बने स्क्रू-पाइल पुल के ध्वस्त होने की घटना के बाद से इस मार्ग पर चलने वाले लोग अब ज्यादा सहमे नजर आते हैं। उन्हें भी अपने क्षेत्र के इस जर्जर पुल की चिंता सताने लगी है।

बेर-मोहिम मार्ग में कमला नदी में लरांच घाट पर बना स्क्रू-पाइल पुल कई वर्षों से जर्जर अवस्था में है। इससे होकर वाहन सहित इलाके के हजारों लोग आने-जाने के लिए विवश हैं। इस रेलिंग विहीन जर्जर पुल से गुजरते वक्त लोगों का कलेजा कांप जाता है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुल निर्माण योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग से वर्ष 2008-09 में इस पुल का निर्माण किया गया था। 30 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि से इस पुल का निर्माण हुआ। 225 फीट लंबे और 12 फीट चौड़े इस पुल की भारवहन क्षमता 10 टन निर्धारित की गई थी।
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पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से इसकी देखरेख न होने से यह काफी जर्जर हालत में पहुंच गया है। पुल के निर्माण में घटिया लोहे का उपयोग किए जाने से निर्माण के पांच-छह वर्षों में ही इसकी रेलिंग टूट कर गिर गई। जिला पार्षद राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुल की इस स्थिति से विभागीय अभियंता को अवगत कराए जाने के बाद भी इसकी रेलिंग नहीं लगाई गई है।
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कुशेश्वरस्थान प्रखंड के बिषहरिया पंचायत के खेसराहा, मोहिम, लरांच, महाराजी, भदहर पंचायत के महरी, नदियामी, भदहर, मिस्सी, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के भिंडुआ पंचायत के पकरिया, भिंडुआ, सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के जलई, झमटा मनगर, पलबा आदि गांवों की करीब 30 हजार की आबादी के लिए यह पुल सड़क तक जाने का मुख्य मार्ग है। जिला पार्षद ने सरकार से इस जर्जर पुल के स्थान पर आरसीसी पुल का निर्माण करने की मांग की है।
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ग्रामीण क्षेत्र की सड़क होने के कारण इस जर्जर पुल पर ट्रक जैसे भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होती है। लेकिन ओवरलोडेड ट्रैक्टर ट्राली, चार पहिया पिकअप का आना-जाना लगा रहता है। इन ओवरलोडेड वाहनों के गुजरते समय पुल हिलने लगता है। इतना ही नहीं सवारी लेकर जीप एवं टेंपो पुल पर चढ़ते ही पुल थरथराने लगता है।
बिषहरिया एवं भदहर पंचायत के मुखिया क्रमशः अनिता देवी एवं बैद्यनाथ कुंवर ने बताया कि लरांच घाट पुल प्रखंड मुख्यालय आने-जाने का मुख्य मार्ग है। वैसे तो प्रखंड कार्यालय जाने के लिए दूसरा मार्ग भी है। लेकिन बेर-मोहिम मार्ग से आने जाने में दूरी कम होने से समय की बचत होती है। मुखिया ने बताया कि इस पुल को पार करने में वाहनों को पूरी सावधानी बरतनी होती है। थोड़ी सी चूक होने से इस मुंडा पुल पर दुर्घटना होना निश्चित है। कई बार ग्रामीण विकास विभाग के अभियंता को पुल की रेलिंग लगाने के लिए कहा गया। लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि जब कोई बड़ी दुर्घटना होगी तभी अधिकारियों की निद्रा टूटेगी।
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कुशेश्वरस्थान के लरांच घाट में कमला नदी पर स्थित रेलिंग विहीन जर्जर पुल l फोटो- जागरण
बेर-मोहिम सड़क फेज थ्री में निर्माण के लिए मंजूर है। इसमें पुल का निर्माण भी होना है। जब तक नए पुल का निर्माण नहीं होता है तब तक सुरक्षा के दृष्टिकोण से लरांच घाट पुल पर क्षमता से अधिक भार वाले वाहन के परिचालन पर रोक लगाने से संबंधित बोर्ड लगाया जाएगा।
-ईश्वरदयाल राम, कनीय अभियंता, ग्रामीण विकास विभाग

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