पूर्व मंत्री सह भाजपा विधायक रामप्रवेश राय पर कोर्ट ने लगाया पांच हजार रुपये जुर्माना, सशर्त मिली जमानत



जागरण संवाददाता, गोपालगंज। बिहार के पूर्व मंत्री सह वर्तमान बरौली के भाजपा विधायक रामप्रवेश राय पर अदालत ने पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इससे पूर्व उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के खाते में विधायक ने जुर्माने की राशि जमा कराई।
इसके बाद उन्हें सशर्त जमानत मिली। यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने की। बता दें कि लगातार चार तिथियों पर अदालत से अनुपस्थित रहने पर विधायक के विरुद्ध 17 जनवरी को गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया था।

यह मामला विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन का है। गैर जमानतीय वारंट जारी होने के बाद विधायक बुधवार को अदालत में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किया। इसकी पुष्टि अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने की है।

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह बरौली के भाजपा विधायक रामप्रवेश राय के खिलाफ 24 अक्टूबर 2020 को बरौली थाने में कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन के लिए बरौली प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवेंद्र पांडे ने प्राथमिकी कराई थी।
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बरौली थाना कांड संख्या 300/20 के अनुसार, तत्कालीन बीडीओ को 24 अक्टूबर 2020 को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरौली में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामप्रवेश राय के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था।
इस सभा में शामिल अधिकांश लोगों द्वारा न तो मास्क का प्रयोग किया गया और ना ही शारीरिक दूरी का ही पालन किया गया था। इस चुनावी सभा में स्पष्ट रूप रूप से चुनाव आयोग के निर्देशों एवं कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन किया गया था। मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त देवेंद्र पांडे ने बरौली थाने में कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी की गई थी।
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विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने 17 जनवरी को सुनवाई के दौरान पाया कि बरौली विधायक राम प्रवेश राय लगातार चार तिथियों पर अदालत में उपस्थित नहीं हुए हैं। ऐसे में अदालत ने उनका बंधपत्र खंडित करते हुए उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया था।

बरौली के भाजपा विधायक रामप्रवेश राय को जैसे ही जानकारी मिली कि उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया है, वे आनन-फानन में अदालत पहुंच गए। यहां उन्होंने पहले आत्मसमर्पण किया। इसके बाद उन्हें सशर्त जमानत मिली।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत से रामप्रवेश राय ने वादा किया कि केस निस्तारण तक प्रत्येक तिथि पर सदेह न्यायालय में उपस्थित रहूंगा। इस दौरान भी अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने विधायक की जमानत याचिका का विरोध जताया।
नवंबर में बिहार के पूर्व मंत्री सह वर्तमान बरौली के भाजपा विधायक रामप्रवेश राय को अदालत ने एक मामले में दोषी पाते हुए 1000 रुपये का अर्थदंड लगाया था। यह कार्रवाई भी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने 12 साल पुराने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में की थी।

सजा सुनाने से पूर्व विधायक को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था। वहीं, सजा सुनाए जाने के बाद अर्थदंड की राशि जमा विधायक ने जमा कर दी थी। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। बता दें कि इसी मामले में विधायक पर इससे पूर्व गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया था।
इसके बाद 22 अक्टूबर को उनके आत्मसमर्पण के बाद अदालत ने 5000 रुपये जुर्माना लगाते हुए सशर्त जमानत दी थी। विधायक ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में दिव्यांग एवं गरीबों की मदद के मद में दंड की राशि जमा कराई थी।

दरअसल, 12 सितंबर 2010 को बरौली के तत्कालीन बीडीओ उदय कुमार तिवारी के लिखित आवेदन के आधार पर बरौली थाने में प्राथमिकी हुई थी। कांड संख्या-148 / 2010 में भारतीय दंड संहिता की धारा-171 एफ के तहत बिहार सरकार के तत्कालीन पर्यटन मंत्री रामप्रवेश राय को आरोपित बनाया गया था।


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