सास की गलती से विधवा बहू हुई बेघर, गर्भ में छह महीने के बच्चे और पांच साल के बेटे को लेकर ठोकरें खाने को मजबूर



परबलपुर, संवाद सूत्र। नालंदा जिले में पांच साल के बेटे और गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर एक महिला दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। पहले पति की मौत हो गई, इसके बाद महिला अपनी सास की कारस्तानी की सजा भुगत रही है। सिर पर एक घर का साया था, वो भी अब छिन गया। घर में शराब मिलने की वजह से सास को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और घर को सील कर दिया गया। घर सील होने से बहू बेघर हो गई है। इस गर्भावस्था में अब वह कहां जाए, यह एक बड़ी समस्या है। 

दरअसल, परबलपुर थाना क्षेत्र के वाना विगहा मुसहरी गांव में उत्पाद विभाग ने शनिवार की रात छापेमारी की। गांव के ही स्व. मिथलेश मांझी की पत्नी सरिता मांझी को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया। मालूम हो इस घर में महज सास और बहू रहती है। दोनों विधवा है। बहु का पांच साल का एक बेटा है और छह महीने की गर्भवती भी है। घर सील होने के बाद फिलहाल महिला अपने मायके में शरण लेने को विवश है।
मालूम हो उत्पाद विभाग द्वारा सील किए गए इस घर को विगत 15 वर्ष पूर्व इंदिरा आवास योजना के तहत बनाया गया था। गरीब परिवार को सिर छुपाने के लिए छत तो मिल गई, लेकिन एक गलती की वजह से आज घर का हर सदस्य बेघर है। घर में कोई एक बुजुर्ग सास और एक गर्भवती बहू के अलावा कोई कमाऊ सदस्य भी नहीं है।
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अब सास शराब बेचने के आरोप में जेल चली गई, तो बहू के सिर से छत भी छिन गया। गिरफ्तार सरिता मांझी की विधवा बहू सविता कुमारी ने कहा कि सास को कई बार शराब बेचने से रोका, लेकिन नहीं रुकी। आज उनकी गलती की वजह से मैं और मेरा बच्चा सड़क पर है। बहू ने कहा कि सास की गलती के कारण पूरे परिवार पर दाग लगा गया।


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