जांच करने वाले पर आंच: समस्‍तीपुर रेल लाइन स्क्रैप घोटाले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे ASI को भी किया सस्‍पेंड



समस्तीपुर, जागरण संवाददाता: समस्तीपुर रेल मंडल में स्टीम इंजन स्क्रैप बेचे जाने के बाद अब पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल तक रेल लाइन को गलत तरीके से गायब किया जा रहा है। इस मामले में आरपीएफ के एएसआई को पहले पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी मिली, उसके बाद उसे निलंबित भी कर दिया गया।
बता दें कि झंझारपुर आउटपोस्ट प्रभारी श्रीनिवास कुमार और मधुबनी के एएसआई मुकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों ने ही सामान की बरामदगी की, आरोपित को गिरफ्तार भी किया। फिर जांच में ऐसा क्या मिला कि दोनों को निलंबित कर दिया गया।

मधुबनी जिला के लोहट स्थित चीनी मिल की स्क्रैप कटिंग पिछले तीन महीने से लगातार चल रही थी। स्क्रैप कटिंग के दौरान ही पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल जाने वाली मृत घोषित रेलवे की लगभग 500 मीटर लोहे की पटरी गुपचुप तरीके से उखाड़ ली गई। घटना की जानकारी मिलते ही 24 जनवरी को सीनियर सेक्शन इंजीनियर तत्काल मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही आरपीएफ को घटनाक्रम से अवगत कराया।


टीम के पहुंचने पर वहां चीनी मिल के अंदर व बाहर लगभग आधा किलोमीटर लंबी रेल की पटरी उखाड़ ली गई थी। कुछ पटरी वहां नीचे रखी थी जिसे ट्रैक्टर पर लोड किया जा रहा था। कुछ देर के बाद ट्रैक्टर चालक व लोड करने वाले मजदूरों को कथित तौर पर भगा दिया गया, लेकिन लोडिंग करवा रहे एजेंसी के कर्मी राहुल कुमार को पूछताछ के नाम पर पकड़ा गया। फिर उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जेल भेज दिया गया।


लोहट चीनी मिल की स्क्रैप कटिंग का काम नवंबर 2022 से ही चल रहा है। आक्शन में लोहट चीनी मिल का स्क्रैप लेने के बाद गोरखपुर से कंपनी सितंबर 2022 में ही स्क्रैप कटिंग के लिए पहुंची, लेकिन स्थानीय स्तर पर विरोध के बाद कार्य रोक दिया गया था। लोहट चीनी मिल के कर्मियों का बकाए राशि का भुगतान होने के बाद नवंबर 2022 से स्क्रैप कटिंग शुरू किया गया।

इसी क्रम में पंडौल से लोहट चीनी मिल तक बिछी रेल की पटरी जिसे रेलवे ने मिल बंद होने के बाद मृत घोषित कर दिया था। उसकी भी स्क्रैप निकाली जाने लगी। जेसीवी व अन्य मशीन लगा आधा किलोमीटर तक रेल पटरी उखाड़ लिया गया। कंपनी का मानना है कि लोहट चीनी मिल परिसर में स्थित मिल से जुड़े सभी स्क्रैप उसके है। मिल परिसर स्थित जो रेल की पटरी बिछाई गई थी, वह मिल के द्वारा अपने खर्च पर लगाई गई थी। इसको लेकर उच्च न्यायालय पटना में मामला भी दायर किया गया है।

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