पुलिस ने 3 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, आधार नंबर और फिंगरप्रिंट चुराकर लोगों का बैंक अकांउट करते थे साफ



जागरण संवाददाता, अरवल: अपराध पर नए सिरे से पांव पसार रहा है। अब अपराधी चाकू और बंदूक के बल पर नहीं बल्कि इंटरनेट के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, जिसे साइबर अपराध कहते हैं। अरवल पुलिस ने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट चुराकर साइबर अपराध करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। 
अरवल पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को दबोचा गया है, जिनमें किंजर थाना क्षेत्र के रौशन कुमार, करपी थाना क्षेत्र के इन्द्रजीत कुमार और खिरी मोड़ थाना क्षेत्र के भीष्म प्रताप शामिल हैं।


इनके पास से एक पॉलीमर स्टांप मशीन, 4464 रुपये नकद, पांच रुपये की नेपाली करेंसी ,पांच पेनड्राइव, 16 मोबाइल, 53 सिम, 207 फिंगरप्रिंट , 20 पासबुक, 10 पैन कार्ड, 11 आधार कार्ड, 13 वोटर कार्ड, 26 चेक बुक एवं तीन रजिस्टर बरामद किए गए हैं। जब्त रजिस्टर में सीएसपी के ग्राहकों की सूची है।
एसपी मो. कासिम ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पकड़े गए दो साइबर अपराधी पूर्व में सीएसपी का संचालन करते थे। तीसरा उनका सहयोगी है।

एसपी ने बताया कि सीएसपी में मेनटेन होने वाले ट्रांजेक्शन रजिस्टर के माध्यम से ही पूरे खेल को अंजाम दिया जाता था। ट्रांजेक्शन रजिस्टर में ग्राहक का आधार नंबर, हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान रहता है।
साइबर अपराधी उसका फोटो लेकर फोटोशॉप कंप्यूटर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से अंगूठे के निशान को डेवलप कर टेस्ट पेपर प्रिंट कर लेते थे। इसके बाद टेस्ट पेपर को वलीमा स्टांप मशीन और पॉलीमर लिक्विड की मदद से फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करते थे।

तैयार फिंगरप्रिंट और आधार नंबर की मदद से साइबर अपराधी लोगों के बैंक खाते से अवैध तरीके से पैसे की निकासी कर लेते थे। इस खेल को अंजाम देने के लिए साइबर अपराधियों ने फर्जी तरीके से एयरटेल के दो सिम ले रखे थे।
फर्जी तरीके से आईडी बनाकर यह जालसाजी लोगों के बैंक खाते से की जाती थी। एसपी ने बताया कि इस गिरोह में अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है।
एसपी ने बताया कि साइबर गिरोह का खुलासा करने वाले सभी पुलिस पदाधिकारियों और पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। बता दें कि एसडीपीओ के नेतृत्व में इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया। छापेमारी टीम में पुअनि धनंजय कुमार थानाध्यक्ष किंजर, सुरेन्द्र कुमार, पवन कुमार दास , हरिकांत कुमार एवं जिला आसूचना इकाई की टीम शामिल थी।

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