बगहा: वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र में गन्ने के खेत में गड्ढे में दफन मिला रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुए का शव भी बरामद



जासं, बगहा/ वाल्मीकिनगर। बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गुरुवार की देर शाम एक साथ रायल बंगाल टाइगर और एक तेंदुए का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शवों को कब्जे में ले लिया। मौत के कारणों की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। फिलहाल मौत के कारणों को लेकर तरह-तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है।
वन प्रमंडल दो अंतर्गत वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र के रमपुरवा गांव के पास गन्ने के खेत से बाघ का शव बरामद किया गया। कुछ दूरी पर धनैया रेता में एक तेंदुए का शव मिला। इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गन्ने के खेत में बाघ की संदिग्ध परिस्थिति में मौत ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में व्यवस्था और वन विभाग की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बाघ की संदिग्ध मौत से इलाके में अटकलों का बाजार गर्म है। घटना की सूचना पर सीएफ नेशामणि घटनास्थल पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि बाघ की मौत करंट लगने से हुई है। शाकाहारी जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों के द्वारा खेतों की घेराबंदी तार से कराई गई है।
इन तारों में रात के समय करंट दौड़ता रहता है। आशंका है कि बाघ शिकार के पीछे खेत तक पहुंचा और करंट की चपेट में आ गया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही बाघ की मृत्यु के सही कारणों का पता चल सकेगा। सीएफ ने बताया कि बाघ एवं तेंदुए की मौत कैसे और किस हालत में हुई है, इसकी जांच के लिए टीम का गठन किया गया है।
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टीम जांच कर रिपोर्ट देगी। बाघ के अवशेष को जांच के लिए पटना, बरेली एवं देहरादून की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। बाघ का अंतिम संस्कार कोतरांहा वन कार्यालय परिसर में किया जाएगा। वन्य जीवों द्वारा शिकार कर उनके कीमती अंगों की तस्करी से भी मामला जुड़ा हो सकता है। हालांकि, वन विभाग को इसका अंदेशा कम है। बता दें कि टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से इनके रख रखाव के लिए कई प्रोजेक्ट बनाए हैं। लेकिन फिर भी एक के बाद एक हो रही वन्यजीवों की मौत ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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