Sitamarhi: 27 दिसंबर से लापता नौशाद की दोस्‍तों ने ही की हत्या, शव को जलाकर दफनाया; पुलिस के सामने उगले राज



जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी: सीतामढ़ी शहर के भैरोकोठी लीची बगान वार्ड 42 से 27 दिसंबर से लापता नौशाद आलम नामक 25 वर्षीय युवक की हत्या कर दी गई है। डेढ़ माह बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि उसके दोस्तों ने ही उसे अगवा किया और परिहार के बेला विशनपुर में ले जाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को जलाकर दफना भी दिया।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में गिरफ्तार उसके साथियों ने कबूल किया है कि नौशाद भी आपराधिक छवि का था और घटना के दिन बथनाहा में हथियार की खरीद-बिक्री हुई थी। पुलिस ने उस आर्म्स सप्लायर को भी गिरफ्तार किया है, जिससे हथियार खरीदने में पैसे कम पड़ने पर नौशाद ने पांच हजार रुपये में अपना मोबाइल गिरवी रख दिया था। एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार ने रविवार को इस हत्याकांड से पर्दा उठाया।

एसडीपीओ ने बताया कि नौशाद गायब हो गया था, उसमें हुसैना के अफरोज और बथनाहा के सहियारा के दिलखुश को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बारे में शुरुआती छानबीन में सिर्फ इतना पता चला था कि मो. अहमद अंसारी व एक अन्य अज्ञात उसे अपने साथ ले गए थे। अब स्पष्ट हो गया है कि नौशाद की हत्या कर दी गई है।
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पुलिस ने एक और शख्‍स को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम सुधीर है। वह बेला विशनपुर का रहने वाला है। सुधीर ने ही घटनाक्रम की सारी जानकारी दी है। सुधीर का कहना है कि नौशाद भी आपराधिक छवि का था। नौशाद और अहमद कट्टा खरीदने के लिए बथनाहा गए थे। वहां हथियार खरीदने के बाद दोनों के बीच इस बात को लेकर कहासुनी हो गई कि हथियार उनमें से कौन अपने पास रखेगा।
जिससे हथियार खरीदा गया था, उसको भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि हथियार सप्लायर दिलखुश के पास से नौशाद का मोबाइल भी बरामद हो गया। दिलखुश ने हथियार की कीमत 30 हजार रुपये बताई थी। पांच हजार कम पड़ जाने के चलते नौशाद ने अपना मोबाइल गिरवी रख दिया था। दिलखुश व अफरोज ने ही बताया कि अहमद और उसका एक दोस्त जो लोकल मीडिया से जुड़ा हुआ है, वो ही नौशाद को लेकर चला गया था।

उस मीडियाकर्मी को तकनीकी अनुसंधान के जरिये ढूंढ निकाला गया। उसने भी सच्चाई बयां कर दी। वह नौशाद को ले जाकर बेला विशनपुर चला गया था। वहीं, पर उसकी हत्या कर शव को पहले जलाया गया और फिर दफना दिया था। ये घटना 27 दिसंबर को ही हुई। पहली जनवरी को बेला विशनपुर से एक शव बरामद हुआ था। बेला में केस भी दर्ज हुआ, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि वह शव नौशाद का ही है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनकी निशानदेही के बाद स्पष्ट हो गया कि वह शव नौशाद का ही था। घटनास्थल से नौशाद का खून लगा हुआ स्‍टॉल बरामद हुआ है।

नौशाद के पिता मो. सुलेमान मंसूरी ने सीतामढ़ी थाने में जो प्राथमिकी दर्ज कराई थी, उसमें कहा था कि 27 दिसंबर की शाम सात बजे वह ग्रामीण मो. अफरोज अंसारी (23 वर्ष) पिता गफार अंसारी के साथ घर से निकला था। नौशाद को दो लोग बुलाकर ले गए। रात तक नहीं लौटा। उसका मोबाइल भी बंद मिला। नौशाद के गायब होने से कुछ घंटे पहले सामने आई एक रिकार्डिंग से अनहोनी की आशंका हुई।

रिकार्डिंग में मो. अफरोज, मो. अहमद अंसारी, दिलखुश, हरिकिशोर चौधरी एवं अन्य तीन-चार की आवाज सुनाई पड़ रही थी। इसमें आर्म्स खरीदने एवं धोखा देने अथवा जान से मारने की बात हो रही थी। सुलेमान ने आशंका जताई कि उनके पुत्र को बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद वह जिंदा भी है या मार दिया गया है, या उन लोगों ने मिलकर कहीं अपहरण कर बंदी बनाकर रखा है।


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