बिहार के यूनिवर्सिटी का कारनामा: सेमेस्टर परीक्षा में छात्रों को 30 में से 50 अंक दिए, HOD की लापरवाही उजागर



आरा, जागरण संवाददाता। बिहार का वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष अपने छात्र-छात्राओं पर खास मेहरबान हैं। तभी तो उन्हें सेमेस्टर फोर्थ पेपर में 30 पूर्णांक में 40 से लेकर 50 अंक दे दिए गए। पूर्णांक से अधिक प्राप्तांक सिर्फ एक छात्र को नहीं, बल्कि आंतरिक परीक्षा में शामिल 25 से अधिक छात्र-छात्राओं को दिया गया है। परीक्षा विभाग ने मामले का खुलासा किया है।

परीक्षा विभाग ने पीजी हिंदी विभाग में पत्र जारी कर इसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं। पूर्णांक से अधिक नंबर मिलवे के कारण परीक्षा विभाग ने छात्र का रिजल्ट रोक दिया है। इधर, मौजूदा हिंदी विभागाध्यक्ष ने पूर्व विभागाध्यक्ष को 14 फरवरी तक पास अंक 30 पर प्राप्तांक छात्र-छात्राओं को आवंटित कर कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मौजूदा विभागाध्यक्ष ने बताया कि पूर्व विभागाध्यक्ष ने पीजी सेमेस्टर फोर्थ की परीक्षा 2021, जीई-1/डीएसई-1 में पासिंग मार्क्स 30 के स्थान पर 50 अंक दिया है।
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पीजी हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष एक माह पहले भी सुर्खियों में थे। उनकी लापरवाही का मामला विवि में पहले से ही चर्चा में रहा है। पिछले माह विवि प्रशासन ने उनकी लापरवाही से तंग आकर उन्हें मूल कॉलेज एचपीडी जैन कॉलेज भेज दिया। उनके विरुद्ध मौजूदा विभागाध्यक्ष ने विवि प्रशासन को एक पत्र लिखकर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।
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विश्वविद्यालय में अक्सर रिजल्ट में त्रुटि को लेकर छात्र हंगामा करते हैं। इस तरह की घटनाएं साबित करती है कि रिजल्ट में त्रुटि को लेकर सिर्फ परीक्षा विभाग ही नहीं, बल्कि विभाग और कालेज भी जिम्मेवार है। नए कुलपति की सख्ती के बाद परीक्षा विभाग विशेष सर्तकता बरत रहा है, जिसके कारण यह मामला सामने आया है। कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि यह गंभीर मामला है। छात्रहित में इस मामले की जांच कराई जाएगी और नियमानुकूल कार्रवाई होगी।

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