Bagaha: बनकटवा जंगल में मिला भालू का शव, भूख से मरने की आशंका; बाघ और तेंदुए की मौत के बाद यह तीसरा मामला



वाल्मीकिनगर, संवाद सूत्र: वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के गोनौली वन क्षेत्र के कक्ष संख्या टी 20 के बनकटवा जंगल में मंगलवार की सुबह एक नर भालू का शव मिला। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उसका पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया।
पोस्टमार्टम के दौरान उसके पेट में कुछ नहीं था, जिससे आशंका जताई जा रही है कि भूख और अधिक उम्र होने से भालू की मौत हुई होगी। वहीं, विसरा जांच के लिए देहरादून और बरेली भेजा जाएगा।

रिपोर्ट आने के बाद ही भालू की मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। इधर, बाघ और तेंदुए की मौत का मामला अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि भालू की मौत की ने वन अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं।
डीएफओ डॉ नीरज नारायण ने बताया कि मंगलवार की सुबह गश्त के दौरान वनकर्मियों को बनकटवा जंगल में भालू का शव मिला है, जिसकी उम्र लगभग 18 साल है। घटनास्थल से कोई भी संदेहास्पद वस्तु की बरामदगी नहीं हुई है। प्रथम दृष्टया भालू शरीर से काफी कमजोर दिख रहा है। प्राकृतिक कारणों से इसकी मौत की संभावना है।
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वन संरक्षक नेशामणि ने बताया कि भालू वृद्ध है। अधिक उम्र होने के बाद वन्यजीवों की प्राकृतिक मौत होती है। भालू की मौत प्रथम दृष्टया काफी वृद्ध होने के कारण प्राकृतिक प्रतीत हो रही है। पोस्टमार्टम के दौरान भालू के सभी अंग सुरक्षित मिले हैं। सिर्फ दांत पूरी तरह घिसे थे। उसके पेट में कुछ नहीं था।
विसरा जांच के लिए देहरादून और बरेली भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। बता दें कि काले भालू की औसत उम्र 16 वर्ष होती है। जंगल में वह 25 से 30 वर्ष तक जीवित रह सकता है।

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