Gopalganj: समाधान यात्रा के अगले ही दिन मुरझाई पोषण वाटिका, दिखाने के लिए खेत से पौधे निकाल के लगाने का आरोप



संवाद सूत्र, (कुचायकोट) गोपालगंज: जिले के कुचायकोट प्रखंड की सिपाया खास पंचायत अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-292 में बनी पोषण वाटिका समाधान यात्रा के 24 घंटे बाद ही मुरझाने लगी है। सब्जियों के पौधे मुरझा कर पीले पड़ गए हैं। वहीं, पोषण वाटिका में लगाए गए पपीते तथा अन्य पौधे भी अपनी रंगत खोने लगे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में समाधान यात्रा के दिन बुधवार को कुर्सी पर बैठकर मेज पर खाना खाते बच्चे गुरुवार को जमीन पर खाना खाते और इधर-उधर खेलते नजर आए।

विदित हो कि बुधवार को मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा के क्रम में सिपाया खास पंचायत में कार्यक्रम के लिए इस आंगनबाड़ी केंद्र में जोर-शोर से तैयारी की गई थी। पूर्व के कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री को इस आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण करना था। मुख्यमंत्री के निरीक्षण को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर चारदीवारी का निर्माण कराया गया और प्रांगण के अंदर पैदल रास्ते पर ब्लॉक टाइल्स लगाए गए।
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प्रांगण में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए पोषक वाटिका भी बनाई गई थी, जिसमें फूल गोभी, पत्ता गोभी, धनिया, शलजम आदि सब्जियों के पौधे लगाए गए थे। बुधवार को यह पोषक वाटिका बेहद हरी-भरी थी। सब्जियों में पानी देकर इसे बेहद सुंदर और आकर्षक बनाया गया था।

लेकिन गुरुवार को जब दैनिक जागरण की टीम ने आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया तो पाया कि आंगनबाड़ी केंद्र की पोषण वाटिका में लगाए गए सब्जियों के पौधे एक दिन बाद ही मुरझाने लगे हैं। वहीं, प्रांगण में लगाए गए पपीते तथा अन्य पौधे भी मुरझा गए हैं।


आंगनवाड़ी केंद्र में एक दिन बाद ही मुरझाने लगे सब्जियों के पौधे- जागरण
आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर बच्चे जमीन पर बैठकर कटोरे में भोजन करते हुए भी दिखे, जबकि बुधवार को इसी केंद्र में बच्चे कुर्सी पर बैठकर भोजन कर रहे थे। गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र की सभी कुर्सियां समेटकर एक कोने में रखी हुई मिलीं। आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था में 24 घंटे के अंदर आए इस बदलाव से बाल विकास परियोजना विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सासामुसा मंडल अध्यक्ष चंदन तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर यहां कृत्रिम पोषण वाटिका का निर्माण किया गया था। मंगलवार को फल-फूल लगे और सब्जियों को दूसरे खेतों से निकालकर यहां लगा दिया गया था, ताकि मुख्यमंत्री को हरी-भरी पोषण वाटिका दिखाई जा सके। इसका नतीजा अब सामने लगा है।
वहीं, बाल विकास परियोजना की सीडीपीओ आशा किरण ने कृत्रिम पोषण वाटिका बनाने के आरोप को सिरे से नकार दिया। उन्होंने बताया कि पौधे सूखे नहीं है, बल्कि थोड़े-बहुत मुरझाए हैं और उन्हें फिर से हरा-भरा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान ही फल-फूल लगे पौधे लगाने की बात गलत है।

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