गोपालगंज में अव्‍यवस्‍थाओं की आंगनबाड़ी: कहीं शौचालय का अभाव तो कहीं चापाकाल में नहीं आ रहा पानी



जागरण संवाददाता, गोपालगंज: जिले में 2860 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। लंबे समय से आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के दावे किए जा रहे हैं। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्र में नल-जल से पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था शामिल है।
प्रशासनिक दावों के बावजूद अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र में लगाए गए नल में पानी नहीं आ रहा है। इसके अलावा आज तक 231 केंद्रों पर पेयजल के लिए चापाकल का अभाव है। आंकड़े बताते हैं कि जिले में मौजूद करीब दस प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों के पास शौचालय तक का अभाव है।

आईसीडीएस के आंकड़े बताते हैं कि जिले के 1092 सरकारी भवन से युक्त आंगनबाड़ी केंद्रों में से 310 आंगनबाड़ी केंद्रों पर आज तक शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है।
ऐसे में इन केंद्रों के बच्चों को खुले में शौच को जाने को विवश होना पड़ता है। इसके अलावा निजी स्थानों पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शौचालय की कमी एक बड़ी समस्या है।
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विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में चल रहे 2860 आंगनबाड़ी केंद्रों में से अपने भवन में चल रहे 231 केंद्रों पर आज तक पीने के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।
इसके अलावा किराये के भवन में रह रहे 277 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं है। सरकारी विद्यालय व अन्य सरकारी भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा इससे इतर नहीं है।
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भवन की उपलब्धता नहीं होने के कारण आज भी कई आंगनबाड़ी केंद्र जहां-तहां संचालित होते हैं। विभाग के आंकड़ों में भले ही केंद्र किराये के मकान में चलते हैं, लेकिन किराये के भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में कई केंद्र निजी बथान व दलान में संचालित हो रहे हैं।
यह स्थिति तब है जबकि पूर्व में ही सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर रखा है कि किसी भी स्थिति में इन केंद्रों को निजी भवन में नहीं चलाया जाए।

प्रशासनिक स्तर पर तमाम आंगनबाड़ी केंद्र पर नल का जल पहुंचाने की पहल की गई है। इसके बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर नल से जल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
स्थिति यह है कि पंचायती राज विभाग अपने दावे में शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों पर जलापूर्ति प्रारंभ करने का दावा कर रहा है, लेकिन धरातल पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर नल से पानी की बूंद नहीं टपक पा रही है।

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