Bihar: कई जिलों में लोन के नाम पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी, फाइनेंस कंपनी बंदकर सभी आरोपी हुए फरार



मुंगेर, जागरण संवाददाता: महज 10 दिनों में लोन देने वाली फर्जी जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा महिला समूह बनाकर लगभग डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है।
फाइनेंस कंपनी ने न सिर्फ मुंगेर के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, बल्कि पड़ोसी जिलों खगड़िया, लखीसराय और भागलपुर के भी कई लोग भी इस ठगी का  शिकार बने हैं।
सिर्फ मुंगेर जिले में चार सौ से ज्यादा महिलाओं को ऋण का झांसा देकर ठग लिया। पुलिस चक्कर और समाज में लोक-लज्जा के कारण कई महिलाओं ने शिकायत नहीं की। ठगी के बाद ठग शातिराना अंदाज से कार्यालय को रातों-रात बंद कर फरार हो गए।

पुलिस ठगी के शिकार हुए लोगों के आवेदन का इंतजार कर रही है। फाइनेंस कंपनी ने फाइल चार्ज, इंश्योरेंस और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर आवेदकों का पैसा डकार लिया। मुंगेर के चंडिका स्थान में कार्यालय खोलकर ठगी की है। इस कंपनी का मैनेजर प्रमोद शुक्ला भी फरार है।
बताया जा रहा है प्रमोद शुक्ला उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। कंपनी ने अपना मुख्य कार्यालय भागलपुर में खोल रखा है। वासुदेवपुर ओपी के चंडिका स्थान में जिस मकान को कंपनी के लोगों ने लिया था, उसके मकान मालिक रामदास साह ने बताया कि आठ फरवरी काे चार लोग पहुंचे और कहा कि उन्हें फाइनेंस कार्यालय खोलना है।

कार्यालय को दूसरी जगह से शिफ्ट करना है। मकान मालिक ने पांच हजार रुपये किराया और तीन माह का अग्रिम भुगतान करने के बाद एग्रीमेंट करने की बात कही। 11 फरवरी को सभी सामान लेकर पहुंचे और मकान के एक कमरे में सामान रख दिया और बाहर में एक बाइक लगाकर चले गए।
कंपनी वालों ने 20 फरवरी को एग्रीमेंट करने की बात कही थी। 13 फरवरी को फाइनेंस कंपनी में ठगी का शिकार हुए मधेपुरा के राजेश कुमार ने मकान मालिक को बताया कि मधेपुरा में ये लोग ठगी करके आए हैं, कमरा मत दीजिए।

मकान मालिक ने दिए गए कंपनी के मैनेजर प्रमोद शुक्ला के नंबर पर संर्पक किया तो मैनेजर मोबाइल स्‍विच ऑफ आया। मकान मालिक ने शंका होने पर 17 फरवरी काे इसकी सूचना वासुदेवपुर पुलिस को दी।
वासुदेवपुर ओपी की पुलिस का कहना है कि जिस मकान में कार्यालय खुला है, उसके मकान मालिक ने आवेदन दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिकार हुई महिला बबीता देवी (काल्पनिक नाम) ने बताया कि जनलक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण दिलाने के लिए 12 से 15 लोगाें का एक समूह बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में जाकर प्रेरित करता था।

फाइल चार्ज, इंश्योरेंस और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर एक आवेदक से 2810 रुपये लेता था। फिर एक सप्ताह के अंदर एक-एक व्यक्ति को 55 हजार खाते में ऋण भेजने की बात कहता था। इसके लिए बकायदा पीड़ित के नंबर पर ऋण कब और कितना मिलेगा इसका संदेश भी कंपनी की ओर से भेजा गया।
14 तारीख को मोबाइल पर ऋण स्वीकृति का मैसेज आया। 18 फरवरी को भागलपुर जिले के सुल्तानगंज, असरंगज, खड़गपुर, लखीसराय के कई लोग ऋण लेने के लिए पहुंचे तो कार्यालय बंद मिला। फाइनेंस कंपनी के लोगों ने दो हजार से ज्यादा गरीब महिलाओं व पुरुष को शिकार बनाया है।

सही से पुलिसिया जांच हुई तो यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है। कंपनी के शातिरों ने मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड, असरगंज प्रखंड, बरियारपुर प्रखंड, हवेली खड़गपुर प्रखंड के अलावा भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड, खगड़िया और लखीसराय के लोगों को ऋण के नाम पर ठगा है।
ठगी की सूचना मिली है। आवेदन मिलने पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस सख्त एक्शन लेगी। संबंधित फाइनेंस में माइक्रो कंपनी की कुंडली भी खंगाली जाएगी। -जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी, एसपी।

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