बिहार: 'डर्टी वीडियो' बना पूर्व मुखिया और सहयोगी की हत्‍या की वजह, पूर्व JDU विधायक और उसके भाई ने रची साजिश



विभूतिपुर (समस्‍तीपुर), संवाद सूत्र: थाना क्षेत्र अंतर्गत बचनी कचहरी मडीहा ब्रह्मस्थान (मडीहा) तीन बटिया पर बीती 20 फरवरी की सुबह बाइक सवार अपराधियों ने सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेन्द्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी सत्य नारायण सिंह उर्फ मंत्रीजी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हत्याकांड की पूरी पटकथा पूर्व जदयू विधायक सह जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामबालक सिंह और उसके छोटे भाई ने फरवरी माह के शुरुआत में ही लिखी थी।

घटना का कारण पूर्व विधायक रामबालक सिंह का एक लड़की के साथ आपत्तिजनक वीडियो रहा है। इस दोहरे हत्याकांड का सफल उद्भेदन करते हुए एसपी विनय तिवारी ने शनिवार को सिंघियाघाट पंचवटी चौक पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों से जानकारी साझा की है।
उन्होंने कहा कि दोहरे हत्याकांड का मुख्य षड्यंत्रकर्ता पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह और उसके छोटे भाई लालबाबू सिंह है। दोनों ने करीब 20-25 दिन पूर्व फरवरी माह की शुरुआत में हीं पूर्व मुखिया की हत्या की साजिश रची थी।

इसके बाद दोनों एक कुख्यात अपराधी से मिला और कॉन्‍ट्रैक्ट किलर को जिले के बाहर से मंगवाकर 6 लाख रुपए में उससे सौदा किया।
घटना को अंजाम देने के लिए रूपरेखा तैयार कर लिए जाने के बाद लालबाबू सिंह विगत 12 फरवरी को और पूर्व विधायक रामबालक सिंह 15 फरवरी को जिले से बाहर दूसरे राज्यों में निकल गए, ताकि इस पर किसी को शक ना हो।

इन दोनों ने घटना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दो सहयोगियों को यहां छोड़ गए, ताकि दोनों सहयोगी शूटर से लाइनअप रहकर घटना को अंजाम दिलवा सके।
चारों शूटर दो बाइक पर सवार होकर विगत 16 फरवरी की संध्या गांव में पहुंच गए थे, जिसे पूर्व विधायक के घर में ही ठहराया गया। पूर्व विधायक ने प्लान के तहत अपने घर में उन्‍हें आश्रय दिया था, जिनके खाने-पीने का प्रबंध भी पूर्व विधायक ने कर रखा था।

जहां से चारों अपराधियों ने दो दिनों तक घटना को अंजाम देने की अंतिम प्लानिंग, घटनास्थल का चयन, पूर्व मुखिया सुरेन्द्र प्रसाद सिंह की पहचान और रेकी की। विगत 18 और 19 फरवरी को इन अपराधियों ने घटना को अंजाम देने का प्रयास किया, लेकि‍न असफल रहे।
इसके बाद विगत 20 फरवरी की सुबह साजिशकर्ता का एक सहयोगी कैलाश सिंह लाइनर की भूमिका में सुबह-सुबह सिंघियाघाट-दलसिंह सराय पथ किनारे एक गैराज पर अपनी बाइक लगाकर पूर्व मुखिया के घर से निकलने की प्रतीक्षा करता रहा।

ऐसे में जब पूर्व मुखिया रास्ते से गुजरे तो लाइनर ने अपराधियों को यह सूचना दे दी। इसके बाद अपराधी पूर्व मुखिया के पीछे लग गए और पहले से चयनित घटनास्थल पर अंधाधुंध फायरिंग कर घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अपराधी भाग निकले।
एसपी ने बताया कि घटना के उद्भेदन के लिए चार टीमें बनाई गई थी। रोसड़ा एसडीपीओ के नेतृत्व में ये चार अलग-अलग टीमें चार अलग-अलग बिन्दुओं पर अनुसंधान और छानबीन कर रही थी। घटना के दिन से ही पुलिस को कई प्रकार की आशंकाओं का पता चला था।

इसमें पूर्व की राजनीतिक रंजिश, शराब कारोबार, आपत्तिजनक वीडियो आदि शामिल थे। प्रथम सप्ताह में पुलिस टीम को यह पता चला कि पूर्व मुखिया द्वारा शराब का अवैध कारोबार किया जा रहा था।
उनका बैंक अकाउंट आदि भी खंगाला गया, जिसमें वैशाली और राज्य के बाहर लोगों को रुपए हस्तांतरित किए गए थे। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया तो पता चला कि घटना इसको लेकर नहीं हुई है।
इसके बाद दुबारा से तथ्यों को उजागर करना शुरू किया। पुलिस की एक टीम टेक्निकल अनुसंधान और सीसीटीवी को लगातार देख रही थी। घटना, घटनास्थल, उसके आसपास जहां भी कैमरे मिले, उन सभी को देखा गया।

एक सप्ताह बीत जाने के बाद पूर्व विधायक रामबालक सिंह के आपत्तिजनक वीडियो पर अनुसंधान चालू हुआ। धीरे-धीरे बातें स्पष्ट हो गईं, तब पुलिस ने पूर्व विधायक के कर्मचारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि दो बाइक पर सवार होकर चार अज्ञात व्यक्ति पहुंचे थे, जिनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी।
सीसीटीवी, टेक्निकल अनुसंधान और दिल्ली से गिरफ्तार लालबाबू सिंह से पूछताछ के बाद सारी घटनाक्रम पूरी तरह स्पष्ट हो गई कि घटना का कारण आपत्तिजनक वीडियो ही है।

एसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया अनुसंधान के क्रम में दो ही शूटरों के शामिल होने की पुष्टि हुई थी। क्षेत्र का पूरा सीसीटीवी देखने पर पता चला कि अपराधियों की संख्या चार थी।
जब, पुलिस ने साजिशकर्ता लालबाबू सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की और सीसीटीवी देखा तो बड़ा खुलासा हुआ है। चार शूटरों की भी पहचान कर ली गई है। शेष अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विगत 3 दिनों से अलग-अलग तीन राज्यों क्रमश: पश्चिम बंगाल, झारखंड और दिल्ली में पुलिस छापेमारी की है।

एसपी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि घटना का कारण पूर्व विधायक रामबालक सिंह का एक लड़की के साथ आपत्तिजनक वीडियो पूर्व मुखिया सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के मोबाइल में था और वे घूम-घूमकर लोगों को इसे दिखा रहे थे।
निकट भविष्य में पंचायत चुनाव होने वाले थे। इस चुनाव को लेकर उक्त वीडियो का इस्तेमाल पूर्व मुखिया कर रहे थे। पूर्व मुखिया गली-चौराहों पर पूर्व विधायक और उसके भाई के सहयोगी को वीडियो दिखाने का प्रयास कर रहे थे। इससे पूर्व विधायक की छवि धूमिल हो रही थी। इसका बदला लेने के प्रयास में यह घटना हुई है।

मौके पर काफी संख्या में पुलिस बलों के साथ रोसड़ा एसडीपीओ शिवम कुमार, थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल, इंस्पेक्टर विक्रम आचार्या, मुकेश कुमार, अनिल कुमार, एसआई शनि कुमार मौसम, राजन कुमार, राहुल कुमार, एसआई गौरव प्रसाद, एएसआई राजेश कुमार सिंह, दिनेश कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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