बगहा: शराबी सिपाही को बचाने में दारोगा और जमादार निलंबित, सीसीटीवी फुटेज से सामने आया सच, एसपी ने दिए आदेश



बगहा, संवाद सहयोगी। एसपी ने नगर थाने में तैनात एक दारोगा व जमादार को निलंबित कर दिया है। दोनों पुलिस पदाधिकारियों पर शराब के नशे में पकड़े गए बिहार पुलिस के जवान भानु प्रताप को बचाने का आरोप है।
घटना बीती तीन जनवरी की है। बजरा टीम का सिपाही भानुप्रताप सिंह अधिकारियों के आदेश के बिना उत्पाद विभाग की टीम बनाकर नगर थाना क्षेत्र के जीतपुर में शराब तस्करी के खिलाफ छापेमारी करने के लिए गया था।

इस दौरान धनंजय नाम के एक ग्रामीण को टीम के सदस्यों ने जमकर पीटा था। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने भानुप्रताप सिंह व उसके साथ गए चार लोगों को रस्सी में बांधकर पिटाई की थी।
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल कर हुआ था। घटना की सूचना नगर थाने की पुलिस को दी गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जवान भानुप्रताप को पकड़कर थाने लाई थी।
हालांकि, थाने से उसे छोड़ दिया गया था। इस मामले की जांच में फर्जी टीम होने की बात सामने आई थी। इस पर एसपी ने भानु को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
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एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि बीते दिनों नगर थाने का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान इस मामले को लेकर सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो पता चला कि घटना के दिन दारोगा सतीश कुमार व जमादार संतोष राम ने  शराब के नशे में पकड़े गए भानु प्रताप को बचाने का भरपूर प्रयास किया।
इससे पहले जांच में बताया गया था कि बिहार पुलिस के जवान को थाने नहीं लाया गया था। जबकि थाने में लगे कैमरे में स्पष्ट दिख रहा है कि नशे में चूर जवान को थाने लाया गया था। उसके शराब पीने की जांच भी नहीं की गई थी।
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बीती 11 मार्च को एसपी ने नगर थाने का फिर से निरीक्षण किया। इसमें एक बार फिर कैमरा फुटेज चेक की गई। इसमें भानु प्रताप को बचाते हुए एक अन्य व्यक्ति को जेल भेजा गया था।
बाद में बिहार पुलिस के जवान के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था। अब तक मामले में दो दारोगा व दाे जमादार पहले ही निलंबित हो चुके हैं।

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