बेतिया: सैटेलाइट अलर्ट मिलते ही वीटीआर में बुझा दी गई आग, वन रक्षी से लेकर डीजी को दिया जाता है संदेश



शशि कुमार मिश्र, बेतिया। सैटेलाइट अलर्ट मिलते ही पांच दिन पहले वीटीआर के डीविजन एक में लगी आग को तीन से चार घंटे में बुझा दी गई।
नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के मांडी वैली में लगाई आग की लपटों से अगलगी की घटना हुई। सूचना वहां के वनरक्षी के मोबाइल पर मिली।
इस पर वीटीआर प्रशासन ने तीन से चार घंटे पर आग पर काबू पा लिया। इस बाबत वीटीआर डीविजन एक के उप क्षेत्र निदेशक प्रदूम्न गौरव ने बताया कि वैसे तो किसी भी जगह आग लगती है, तो इसे बुझाने की तुरंत पहल की जाती है, लेकिन अब सैटेलाइट अलर्ट के माध्यम से भी इसकी जानकारी मिलने लगी है।

इसके अनुसार अब देश के किसी भी टाइगर रिजर्व में यदि अगलगी की घटना हुई, तो इसका अलर्ट संबंधित टाइगर रिजर्व के वनपाल से लेकर देश के वन एवं पर्यावरण विभाग के महानिदेशक तक दिया जाता है।
अगलगी की घटना गुगल मैप पर भी दिखने दिखने लगती है और इसके अनुसार संबंधित टाइगर रिजर्व के कर्मी और अधिकारी आग बुझाने की कार्रवाई शुरू कर देते हैं।
इसमें विभाग ने फायर मैपिंग के लिए इसरो (इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) से एक डेडिकेटेड सैटेलाइट लगाया है, जो प्रत्येक छह घंटे में देश के सभी 51 टाइगर रिजर्व के ऊपर से चक्कर काटता है।
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यदि किसी टाइगर रिजर्व में आग का प्वाइंट दिखता है, तो इसका अलर्ट वनपाल से लेकर देश के विभाग के महानिदेशक तक भेजता है।
अलर्ट के माध्यम से एक लिंक भी भेजता है, जो गुगल मैप से जुड़ा होता है। आग बुझ जाने के बाद भी इसकी जानकारी दी जाती है।
यदि एक, दो, तीन व चार बार अलर्ट भेजने के बाद आग नहीं बुझी, तो पांचवें राउंड के अलर्ट में संबंधित राज्य के पीसीसीएफ से लेकर सभी उच्चाधिकारी अलर्ट हो जाते हैं और सब आग बुझाने की प्रक्रिया में लग जाते हैं।
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वैसे तो यह प्रकिया सालो भर चलती है, लेकिन 15 फरवरी से 15 जून तक इसे नियमित रूप से चलाई जा रही है।
देश के सरिस्का टाइगर रिजर्व सहित अन्य बड़े टाइगर रिजर्व में अगलगी की घटना के बाद प्रधानमंत्री की पहल पर यह व्यवस्था शुरू की गई है। इसे वन में आग लगने की घटना की रोक की दिशा में प्रभावी कदम माना जा रहा है।

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