Bihar: विदेशों में नाम कमाने वालों का गांव गुमनाम, यहां के डॉक्टर अमेरिका-रूस में पर बेढ़ना को नहीं मिली पहचान



राकेश कुमार वीरेन्द्र, हरनौत। हरनौत प्रखंड का बेढ़ना गांव चंडी की सीमा से लगता है, जो हरनौत और चंडी से बराबर दूरी पर है। यहां के ढाई दर्जन डॉक्टर अमेरिका, रूस और इंग्लैंड में अपनी सेवा दे रहे हैं। वहां वे नाम और पहचान बना रहे लेकिन आस-पास में ही उनका गांव गुमनाम है।
बेढ़ना की आबादी लगभग 1200 होगी। यहां के 70 प्रतिशत लोग सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं। करीब 30 डाक्टर विदेशों में हैं। इनमें कई महिलाएं भी हैं। यहां कई इंजीनियर्स हुए। बेढ़ना के निवासी दूसरे क्षेत्र और विभागों में भी लोग सेवा दे रहे हैं। यह सिलसिला कायम है।

शिक्षा सहित विकास में भी यह गांव अन्य गांवों से बेहतर है। यहां अधिकतर गलियां और नालियां पक्की है। सभी घरों में नल का जल पहुंच रहा है। गांव के पूरब और पश्चिम होकर पक्की सड़क चंडी-हरनौत एनएच 30-ए से जुड़ती है।
ग्रामीण और स्टेशनरी व्यवसायी निरंजन सिंह बताते हैं कि यहां पिछड़ी, अति पिछड़ी और अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। सभी में आपसी प्रेम रहता है लेकिन अफसोस इसका है कि यह गुमनाम है। गुमनामी का आलम यह है कि दो किलोमीटर के दायरे में भी लोग नहीं जानते।
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दस साल पहले तक इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। इसकी वजह गांव के बड़े किसानों की अनदेखी रही। जिन लोगों की फैमिली विदेशों में शिफ्ट हुई, उनलोगों ने भी गांव की तरक्की की कोशिश नहीं की। उन लोगों का ध्यान साल 2014 के बाद गया।
उसके बाद गांव में पक्की सड़क पहुंची। यहां प्राथमिक विद्यालय है लेकिन कमरे का अभाव है। स्कूल भवन निर्माण करने वाली एजेंसी विवादित हो गई। इस कारण विद्यालय भवन नहीं बन सका।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार पोद्दार कहते हैं कि विद्यालय भवन के लिए राशि की मांग की गई है। इस गांव की अराजी लगभग पांच सौ बीघे की है। यहां के बिल्डर अरुण सिंह ने गांव से हटकर एनएच के किनारे बड़ी लागत से घर बनाए हैं, जिसका उपयोग सिर्फ छठ महा पर्व के दौरान करते हैं।
किसान रजनीश सिंह बताते हैं कि लोग पारंपरिक खेती करते हैं। घरेलू खपत के लिए सब्जियां उगाई जाती हैं। टूरिस्ट टू लेन रोड राजगीर टूरिस्ट टू-लेन रोड इसी गांव से होकर गुजरेगी। इस निर्माण पर कार्य चल रहा है। इस सड़क के बन जाने पर यहां की पहुंच और आसान हो जाएगी। यह सोराडीह पंचायत के अंतर्गत है।

मुखिया रण विजय पटेल ने बताया कि गांव में बुनियादी सुविधाएं हैं। छठ घाट है। गली और नाली पक्की है। वहां और भी विकास कार्य कराए जाएंगे।


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