Loan Fraud: कहां छिपा है फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनी का मास्टरमाइंड, महिलाओं का समूह बनवा करता था ठगी



संवाददाता, मुंगेर। फर्जी जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर कई जिलों में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया था। इस करोड़ों की ठगी मामले में मैनेजर सह मास्टरमाइंड अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
मास्टरमाइंड सहरसा निवासी प्रमोद शुक्ला उर्फ राकेश का पुलिस को अबतक कोई ट्रेस नहीं मिल रहा है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, पर प्रमोद शुक्ला का पता नहीं चल रहा है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि जल्द ही मास्टर माइंड गिरफ्त में होगा।

फर्जी फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले मधेपुरा के महेशपुरा निवासी नीरज कुमार भी पुलिस को चकमा दे रहा है। इसकी भी गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।
दरअसल, मधेपुरा, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर और मुंगेर में फाइनेंस के नाम पर ठगी करने के बाद सरगना की नजर सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जिलों पर थी। इसकी प्लानिंग भी पूरी कर ली गई थी। इस बीच मुंगेर में केस होने के बाद सभी ने इरादा बदल दिया।
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एक तरह से मुंगेर पुलिस ने सभी ठगों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। दो सप्ताह पहले मुंगेर के वासुदेवपुर से पुलिस गिरफ्त में आए मधेपुरा के शातिर दिनेश कुमार ने बताया था कि कंपनी के मैनेजर का सीधा कहना था कि एक जिले में 15 दिनों रहना है, ठगी करने के बाद दूसरे जिलों में चले जाना है।
शातिर दिनेश ने बताया कि कंपनी में 10 लोग काम करते थे। इस फर्जी कंपनी का तथाकथित ब्रांच मैनेजर प्रमोद शुक्ला उर्फ राकेश कुमार है। दिनेश ने पुलिस को बताया कि सबसे पहले मधेपुरा में जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कार्यालय खोला गया था।

लोन के नाम पर ठगे गए तीन हजार रुपये
55 हजार रुपये ऋण दिलाने के नाम पर 28 सौ से तीन हजार रुपये भोले-भाले महिलाओं और पुरुषों से लिया जाता था। वासुदेवपुर ओपी प्रभारी ने बताया कि ठगी मामले में फरार और लोगों का सुराग मिला है, पुलिस छापेमारी कर रही है।
जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस के नाम पर ठगी करने वालों का तारा कोसी के मधेपुरा और सहरसा जिला से जुड़ा है। भोले-भाले लोगों से पूरी ठगी की पटकथा कोसी में लिखी गई थी। मुंगेर पुलिस भी कोसी इलाके के जिलों की पुलिस से संपर्क में है।

फरार नामजद आरोपितों पर पुलिस नजर रख रही है। दिनेश कुमार ने पुलिस को बताया कि उसे आठ हजार रुपये मिलते थे। अन्य सभी काे आठ से 15 हजार के बीच हर माह पैसा मिलता था।
जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर कई जिलों में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की हुई ठगी की गई। इस मामले का मुंगेर पुलिस ने फरवरी माह में ही पर्दाफाश कर दिया है।
ऋण के नाम पर कई महिलाओं और पुरुष से ऑनइलाइन पेमेंट भी लिया जाता था। ऑनलाइन पेमेंट विवेक के अकाउंट में डाले गए है। अब यहां के बाद पूर्णिया में जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस खोलने की नजर थी।

जन लक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजर प्रमोद शुक्ला का दूसरा नाम राकेश शुक्ला है। इस कंपनी में गुडडू, विवेक, मिथलेश कार्यालय का काम देखता था। दिनेश, प्रमोद और संतोष फिल्ड का काम करते थे। दिनेश प्रमोद और संतोष ग्रामीण इलाके के महिलाओं को ग्रुप बनाने के लिए कहता था।
एक ग्रुप में 10-15 महिला होती थी, इसके बाद तीनों व्यक्ति हर ग्रुप की प्रत्येक महिला से 28 सौ तीन हजार तक रुपये लेकर 55 हजार ऋण देने की बात कहता था। इस लोभ से कई महिलाओ ने ग्रुप बनाकर पैसे भी जमा किया।

पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी ने कहा कि ऋण का झांसा देकर भोले-भाले ठगी करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पूरे प्रकरण का पर्दाफाश पहले ही कर लिया गया है। एक की गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह को दबोचने में पुलिस लगी हुई है, जल्द ही सब गिरफ्तार होंगे।

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