पकड़ा गया कुख्यात कुणाल: कोर्ट परिसर में हत्या करके हो गया था फरार, AK-47 से फैलाता था दहशत, मांगता था रंगदारी



संवाद सहयोगी, मोहितारी: पूर्वी पश्चिमी चंपारण समेत उत्तर बिहार के जिलों में आपराधिक कृत्यों से आतंक का पर्याय रहा कुख्यात बदमाश कुणाल सिंह को पुलिस ने धर दबोचा है।  अपराधी बेतिया कोर्ट में पेशी के दौरान 11 मई, 2017 को अपराधी बबलू दुबे की हत्या करने के बाद चर्चा में आया था।
अपराधी कुणाल पीपराकोठी थाना क्षेत्र के बंगरी का रहने वाला है। वह 27 मार्च, 2017 को मोतिहारी सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के दौरान फरार हो गया था। मामले में सिपाही गणेश सिंह को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद बड़ी साजिश के तहत 11 मई, 2017 को बेतिया के कोर्ट परिसर में पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर थाना के सिसवा खरार गांव निवासी शातिर बबलू दुबे उर्फ मिथलेश दुबे की नृशंस हत्या हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी कुणाल ने ली थी।

बबलू की हत्या में उसके साथ जेल में बंद कैदी राहुल भी शामिल था। अपराधी बबलू दुबे साल 2014 में नेपाल से भारत में प्रवेश करने के दौरान आदापुर में पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी हत्या की साजिश रची जाने लगी थी। आखिर में कुणाल और उसके साथियों ने बबलू को बेरहमी से मार दिया। तभी से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। बुधवार को पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र को मिली गुप्त सूचना के आधार पर उसे उसके घर से दबोचा गया।

कुणाल ने बबलू की हत्या से पहले मई, 2015 में चकिया प्रखंड की कुंवरपुर पंचायत के मुखिया वीरेंद्र ठाकुर की हत्या कर दी थी। इसके बाद 16 जनवरी 2017 को मुखिया वीरेंद्र के बेटे राजकुमार को भी मार डाला था। वहीं मोतिहारी शहर में कांग्रेस नेता मुनमुन जायसवाल के पुत्र छोटू जायसवाल की हत्या में भी कुणाल शामिल था।

धमकाकर मांगता था रंगदारी, नहीं देने पर करता था हमला
लगातार चार लोगों की हत्या करने के बाद अपराधी कुणाल जिले के बड़े लोगों को धमकी देने लगा। रंगदारी मांगने लगा। इस कड़ी में उसने 11 मई, 2017 को छतौनी के छोटा बरियारपुर निवासी सीमेंट-छड़ का व्यवसाय करने वाले हरिशंकर सिंह से दस लाख की रंगदारी मांगी। अभी इस मामले को पुलिस सुलझा पाती कि 3 जुलाई, 2017 को रक्सौल के लक्ष्मीपुर स्थित कैंब्रिज पब्लिक स्कूल के संचालक सतीश गिरी से रंगदारी मांगी। नहीं देने पर स्कूल पर ही एके-47 से फायरिंग कर तीन लोगों को जख्मी कर दिया था। इसके बाद 26 जुलाई, 2017 को डॉ.टीपी सिंह से दस लाख की रंगदारी की मांग की। 30 जुलाई 2017 छतौनी थाना के भवानीपुर जिरात निवासी डॉ. चंद्रांशु से पांच लाख की रंगदारी मांगी।

लगातार रंगदारी मांगने व अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के चलते पुलिस लगातार कुणाल सिंह गिरोह के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। पुलिस ने 21 जुलाई, 2017 को गिरोह के सक्रिय बदमाश बंगरी गांव निवासी वकील सिंह उर्फ छोटन सिंह एक देसी पिस्टल व तीन कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। वह रक्सौल के स्कूल में हुई फायरिंग में शामिल था। उसकी निशानदेही पर पुलिस छापेमारी करती रही।

इस कड़ी में 9 अगस्त, 2017 को चकिया पुलिस ने कुणाल सिंह के शागिर्द राजतिलक को एक देसी पिस्टल व कारतूस के साथ धर दबोचा। वहीं 27 अगस्त, 2017 बेतिया न्यायालय परिसर में हुई बबलू दुबे की हत्या में शामिल राणा रतन सिंह भी गिरफ्तार कर लिया गया। इन सबके बीच मोतिहारी पुलिस लगातार कुणाल की खोज में जुटी थी। इस बीच, बुधवार को कुणाल के गांव आने की सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। शातिर बदमाश की गिरफ्तारी व एके-47 की जब्ती के बाद इस गिरोह के सताए लोगों ने राहत की सांस ली है। लोगों में न्याय की उम्मीद जगी है।

अन्य समाचार