नूरपुर हादसे की आंखों देखी: पहले बेर खाए फिर नद में नहाने गए, पानी में उतरते हुए कहा था- मरने से नहीं डरते



  जागरण टीम, आरा/संदेश:  सोन नद में नहाने के दौरान चारों दोस्त अचानक गड्ढे में चले गए और डूबने लगे। इसके बाद उन्होंने हाथ पकड़कर चारों दोस्तों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से वे बचा नहीं पाए। इसके बाद वे दौड़कर घर आए और परिवार वालों को सूचना दी। यह आंखों देखी अजीमाबाद की सीमा से सटे नूरपुर सोन नद में डूबकर मरने वाले चार लड़कों के दोस्तों टिंकू और सागर ने सुनाई। दोनों इस खौफनाक मंजर को याद कर बार-बार सिहर जा रहे हैं।

टिंकू और सागर ने गुरुवार को दैनिक जागरण को दर्दनाक हादसे की आंखों देखी सुनाते हुए बताया कि बुधवार सुबह 10 बजे की बात है। उन दोनों के अलावा, शुभम कुमार, रोहित कुमार (प्रथम), अमित कुमार, रोहित कुमार (द्वितीय) एक साथ घर से बेर खाने के लिए दियारा क्षेत्र गए थे।
इसी दौरान, सोन नद में नहाने की योजना बन गई। वे दोनों किनारे पर ही नहा रहे थे, जबकि शुभम कुमार, रोहित कुमार (प्रथम) अमित कुमार, रोहित कुमार (द्वितीय) नहाते-नहाते गहरे पानी में उतर गए और डूब गए। जब दोस्त डूब रहे थे, तब उन दोनों ने उन्हें बचाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं पाए और वे चारों देखते-देखते ही पानी में समा गए।
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इसके बाद वे दोनों भागकर अपने गांव गए और वहां गांव-घर वालों को हादसे की जानकारी दी। सूचना मिलते ही संदेश थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, संदेश सीओ उमेश चौधरी और अजीमाबाद थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी पहुंच गईं।
मृतक शुभम कुमार तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर था। परिवार में मां रंजू देवी उर्फ रिंकू देवी व दो भाई-सन्नी कुमार और आयुष कुमार हैं। पिता दूसरे राज्य में फैक्ट्री में काम करते हैं। मृतक अमित अपने दो भाई व एक बहन में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में मां सामंती देवी व एक भाई अंकित कुमार और बहन खुशी कुमारी है।
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मृतक रोहित रोहित कुमार अपने तीन भाई व एक बहन में सबसे छोटा था। उसके परिवार में मां लक्ष्मी देवी व दो भाई- परदेशी कुमार, विदेशी कुमार और एक बहन लालसा कुमारी है। पिता मजदूरी करते है। वहीं दूसरा रोहित अपने दो भाइयों में बड़ा था। उसके परिवार में मां रेखा कुंवर, एक भाई मोहित कुमार उर्फ रौशन और दो बहनें- मैरी व मीरा हैं। वह पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। पिता की मौत के बाद मां चूड़ी व लहठी बेचकर घर चलाती है। पति के बाद अब बेटा भी छिन गया। इस घटना के बाद मृतकों के परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।
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आज कल अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि हादसे में बचे नुरपुर गांव के टिंकू व सागर नामक दो बच्चों ने जो जानकारी दी है, वह काफी चौंकाने वाली है। टिूंक ने बताया कि सोन नदी में जाने के बाद उसके कुछ दोस्त बोले कि नहाने चलो तो उन्होंने मना किया। इस पर रोहित ने कहा कि वह मरने से नहीं डरता है.. दो भाई और भी हैं। शुभम ने भी यही बात दोहराई। वे दोनों किनारे ही रह गए, जबकि बाकी चारों सोन नद में बने गड्ढे की ओर चले गए। इसके बाद यह हादसा हुआ।
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अजीमाबाद के नुरपुर सोन नदी घाट पर हादसे में चार बच्चों की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने दोपहर 12:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक नासरीगंज-सकड्डी हाइवे को जाम कर बवाल काटा। ग्रामीणों तथा माले नेताओं ने बताया कि मानक से अत्यधिक अवैध रूप से बालू खनन करने के कारण काफी गड्डा हो गया है। स्नान करते समय लोग पहले भी गढ्ढे में चले गए हैं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। पूर्व में संदेश प्रमुख के बेटे की भी मौत हो गई थी।
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प्रदर्शन के दौरान लोगों ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करने, मौके पर डीएम और एसपी को बुलाने व मृतकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद जाम खोला गया। बीडीओ रमेश कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20-20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया तथा कबीर अंत्येष्टि मद से तीन-तीन हजार रुपये नकद दिए।

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