Bhojpur: घर में रखी पिस्टल से खेल-खेल में चली गोली से गई थी आठ साल की आराध्या की जान, पिता गिरफ्तार



जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र अन्तर्गत आरा-मोहनिया हाइवे से सटे भेंलाई रोड में छह दिन पूर्व घटित मासूम आराध्या सिंह की मौत के मामले का खुलासा हो गया है।
भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार यादव ने बुधवार की शाम आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि घर में रखी पिस्टल से चली गोली से मासूम आराध्या की जान गई थी। पुलिस ने कांड के सूचक मृतका के पिता कृष्णा कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

साथ ही कांड में प्रयुक्त पिस्टल व दो गोली बरामद कर ली गई हैं। पकड़े गए मृतका के पिता ने अपने बयान में बताया है कि वर्ष 2019 में उसके छोटे भाई सत्यम सिंह की दिनारा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद से वह पिस्टल अपने पास रखता था। घटना के दिन पिस्टल को बिछावन के नीचे रखकर भूल गया था। कमरे में आराध्या पढ़ाई कर रही थी।
इस दौरान पिस्टल उसके हाथ लग गई थी। खेलते-खेलते पिस्टल से चली गोली उसे लग गई थी। इसके बाद वह घायल हो गई थी। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए थे। इस दौरान डॉक्टर को बच्ची के छत से गिर जाने की बात बताई गई थी।
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पकड़ा गया आरोपित पिता कृष्णा सिंह मूल रूप से रोहतास जिले के भानस ओपी अन्तर्गत कुंड गांव का निवासी है। वर्तमान में परिवार आरा-मोहनिया हाइवे से सटे भेंलाई रोड में रहता है। इसे लेकर अलग से केस कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
24 मार्च की रात उदवंतनगर थाना क्षेत्र अन्तर्गत एनएच 309 से सटे भेंलाई गांव रोड स्थित एक घर में गोली लगने से एक बच्ची की मौत हो गई थी।
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मृतका आठ वर्षीय आराध्या सिंह मूल रूप से रोहतास के दिनारा थाना के कुंड गांव निवासी कृष्णा कुमार सिंह की पुत्री थी। वह पहली कक्षा में पढ़ती थी।
इस घटना को लेकर पिता ने चार के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने भूमि विवाद में हत्या किए जाने का आरोप लगाया था।
इधर, एसपी प्रमोद कुमार ने कांड के खुलासे के लिए सदर एएसपी हिमांशु व प्रशिक्षु डीएसपी काजल जयसवाल के नेतृत्व में टीम का गठन किया था।
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जांच के लिए एफएसल की टीम को भी बुलाया गया था। एसपी के अनुसार वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहायता से कांड का राजफाश हो सका है।
गोली लगने से बच्ची की मौत के बाद पोल्ट्री फार्म संचालक पिता कृष्ण कुमार सिंह ने पुलिस को गुमराह करने एवं दूसरे बेगुनाह लोगों को फंसाने का प्रयास किया था।
पिता का आरोप था कि बदमाश उन्हें मारने के इरादे से आए थे। रात में उनकी बेटी आराध्या सिंह घर में अपनी बुआ और दादी के साथ बैठी हुई थी, तभी चार हथियारबंद बदमाश आए और दरवाजा खटखटाया।

जब उनके परिवारवालों ने दरवाजा खोला तो उन्होंने पूछा कि कृष्णा सिंह घर पर है तो परिवारवालों ने बोला कि वे नहीं है। इसके बाद सभी बदमाश जबरन घर में घुसने लगे थे।
जब घरवालों ने रोका तो उन बदमाशों ने हथियार निकाल कर फायरिंग कर दी, जिसमें उनकी बेटी को गोली लग गई और मौत हो गई। हालांकि, घटना के पहले दिन से ही पुलिस को पिता की यह बात हजम नहीं हो रही थी।
इधर, एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना 24 मार्च की रात करीब साढ़े 8:30 बजे के आसपास घटित हुई। पुलिस को सूचना 25 मार्च की सुबह करीब चार बजे के आसपास दी गई थी।

सूचना मिलते ही पांच मिनट के अंदर प्रशिक्षु डीएसपी काजल कुमारी, जो थानाध्यक्ष के प्रभार में हैं, वह पूरी टीम के साथ पहुंच गई थीं। सीसीटीवी कैमरा भी घर में था, लेकिन डाटा नहीं था। ऐसे में एसपी को घटना को लेकर संदेह था।

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