West Champaran: व्यवसायी से 1 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में 'छोटे सरकार गिरोह' के 2 और बदमाश गिरफ्तार



जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण): नगर के चावल चूड़ा व्यवसायी विनोद जायसवाल से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने छोटे सरकार गिरोह के दो और बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद मामले में चार बदमाशों को रविवार को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार किए गए बदमाशों में सावन कुमार उर्फ सांवरिया, लौरिया थाना के गोबरौरा गांव निवासी यशराज मिश्र, चीनी मिल चौक के मुकेश सिंह और हरसरी के कौशल किशोर शामिल हैं।

थानाध्यक्ष रामश्रय यादव ने बताया कि रंगदारी मामले में धराए मुकेश कुमार सिंह ने व्यवसायी से संपर्क बनाने में लाइनर की भूमिका निभाई थी। मुकेश ने ही सावन को व्यवसायी विनोद का नंबर देकर रंगदारी मांगने की बात कही थी। रंगदारी की रकम समय से नहीं देने पर बदमाश सावन ने व्यवसायी को गोली मारने की सुपारी कौशल किशोर को दी। इस दौरान कौशल किशोर को गोबरौरा के यशराज ने बाइक से हरदिया चौक पहुंचाया। हालांकि इसी बीच पुलिस ने कौशल व यशराज को धर दबोचा।
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थानाध्यक्ष ने बताया कि तलाशी के दौरान कौशल किशोर के पास से एक देशी कट्टा और दो कारतूस भी बरामद किया गया। पुलिस की पूछताछ में धराए बदमाशों ने कुछ अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
बीते मार्च में दस दिनों के भीतर व्यवसायी और वध शुल्क ठेकेदार से रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देकर बदमाश सावन कुमार कुख्यात गोरख के रास्ते पर चल पड़ा था। वह जल्द नहीं पकड़ा जाता तो गैंग का विस्तार करता, लेकिन जिला पुलिस जिस तत्परता के साथ तकनीकी जांच करते हुए उसे गिरफ्तार करने में कामयाब हुई, उससे बदमाश द्वारा बनाए गए छोटे सरकार गिरोह का भी पर्दाफाश हो गया। पूछताछ के बाद एक-एक कर घटना में संलिप्त चारों युवक गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
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जानकार बताते हैं कि सावन कुमार तीन साल पहले टेंपो चलाता था। लेकिन इस धंधे में अधिक समय नहीं टिक सका। फिर वह कुख्यात गोरख ठाकुर के संपर्क में आया और उसके लिए पार्किंग वसूली में लग गया। इसी बीच 2021 में उसने छिनतई की घटना को अंजाम दिया, जो शिकारपुर थाने में दर्ज है। हालांकि इस घटना की सूचना जब गोरख को लगी तो उसने पार्किंग वसूली के काम से सावन को हटा दिया।
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गिरफ्तार सावन कुमार। सौजन्य- वायरल
सूत्र बताते हैं कि वह नगर के धोबी टोला में अपने ननिहाल से अलग रहने लगा। उसका एक मामा ठेला पर सत्तू बेचता है और दूसरा ठेला पर सामान ढोकर अपने परिवार की परवरिश करता है। उनसे अलग रहकर सावन ऐसे युवकों से संपर्क करने लगा, जो उसके गिरोह के लिए कारगर हो सकते हैं। इस दौरान वह कभी नेपाल तो कभी कोलकाता आता-जाता रहा। बता दें कि सावन मूल रूप से बेतिया का निवासी है। उसके पिता कपिलदेव साह अपने परिवार के साथ कई वर्षों से उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिला में रह कर मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं।

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