Buxar: उत्पाद विभाग की कार्रवाई के दौरान जवानों पर बांस-बल्ली से हमला, हथकड़ी समेत दो युवक हुए फरार



जागरण संवाददाता, बक्सर: नगर थानाक्षेत्र अंतर्गत जहाज घाट पर रविवार की शाम उत्पाद विभाग द्वारा की जा रही जांच के दौरान टीम के जवानों से मारपीट किए जाने की घटना सामने आई है। जांच के दौरान दो लोगों की शराब पीने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दो लोगों को जांच किए बगैर ही पुलिस हथकड़ी लगाकर ले जा रही थी। इसी दौरान उनके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमले में दो जवानों को चोट आई है, जबकि दो आरोपित हथकड़ी समेत भाग निकले। हालांकि, इस पूरे मामले में उत्पाद पुलिस लीपापोती करने में जुटी है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना रविवार शाम करीब 7 बजे की बताई जा रही है। तब सब इंस्पेक्टर रवि कुमार के नेतृत्व में उत्पाद पुलिस की टीम मोटरबोट से गंगा तट की निगरानी कर रही थी। इसी दौरान यूपी की तरफ से नौका पर सवार चार लोग आते दिखाई दिए। उन्हें देखते ही उत्पाद पुलिस ने मोटरबोट से घेरकर चारों को नाथबाबा घाट पर पकड़ लिया।
ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शहर के मल्लाहटोली निवासी दो युवकों जितेंद्र कुमार और विकास कुमार के शराब पीने की पुष्टि होते ही उन्हें हथकड़ी लगा दी गई, जबकि अन्य दो युवकों ने जांच कराने से इंकार कर दिया। तब पदाधिकारी के आदेश पर अन्य दोनों युवकों को भी यह कहते हुए हथकड़ी लगा दी गई कि कार्यालय ले जाकर इनकी जांच की जाएगी और चारों को मोटरबोट से टीम जहाज घाट ले आई।
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बोट से उतरने के बाद चारों युवकों को लेकर टीम जैसे ही घाट से ऊपर पहुंची, युवकों के साथियों ने बांस-बल्ली से टीम के जवानों पर हमला कर दिया। हमले में सिपाही ब्रजेश कुमार और रमेश गोड़ चोटिल हो गए, जबकि इस आपाधापी में गिरने से गिरफ्तार किए गए जितेंद्र और विकास भी घायल हो गए। टीम अभी संभलने का प्रयास कर ही रही थी कि बगैर जांच कराए गिरफ्तार दोनों युवक हथकड़ी समेत भाग निकले।
हैरत इस बात पर भी है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी अबतक घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। नगर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि न तो इसकी उन्हें कोई सूचना दी गई है और न कोई आवेदन ही दिया गया है।
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इस संबंध में पूछे जाने पर गिरफ्तार किए गए जितेंद्र और विकास के अलावा मोटरबोट के चालक गोविंद कुमार ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बगैर जांच किए ही हथकड़ी लगाए गए दोनों युवक मारपीट के बाद वहां से भागने में कामयाब रहे।
इस घटना को लेकर शहर में कई तरह की चर्चाएं हैं। उत्पाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। सहज सवाल उठ रहा है कि जब उत्पाद की टीम पाक-साफ थी, तो इतनी बड़ी वारदात के बाद वरीय अधिकारियों को तुरंत सूचित क्यों नहीं किया गया? यहां तक कि नजदीकी थाने को भी इसकी जानकारी नहीं दी गयी। जब दो लोगों के शराब पीने की पुष्टि ही नहीं हुई थी, तो उन्हें हथकड़ी आखिर किस आधार पर पहना दी गयी?


विभागीय पदाधिकारियों से बात करने पर उन्होंने ऐसी किसी भी घटना की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। निरीक्षक दिलीप कुमार पाठक का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने इस संबंध में कुछ भी बोलने से साफ इंकार करते हुए कहा कि घटनास्थल पर मौजूद पदाधिकारी का स्टेटमेंट मिलने के बाद ही वह कुछ भी बताएंगे।


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