एक प्रमाण पत्र पर दो महिलाएं बनीं टीचर, भंडाफोड़ हुआ तो फर्जी शिक्षिका ने उठाया ये कदम, विभाग वसूलेगा वेतन!



संवाद सूत्र, सहरसा: जिले के शिक्षा विभाग में एक से बढ़कर एक हैरान करने वाले कारनामे सामने आ रहे हैं। जिले का यह इकलौता विभाग है, जहां चोरी पकड़ने के बाद भी विभाग चुप्पी साधे रहता है। कई जांच प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद मामले का भंडाफोड़ होता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक प्रमाण पत्र पर दो-दो शिक्षिकाएं कार्यरत हैं।
जिले के ईटहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय लालपुर पीरनगरा में दूसरे के प्रमाण पत्र पर सालों से प्रखंड शिक्षिका के रूप में कार्यरत होकर वेतन उठाती रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग हरकत में आया तो आरोपी प्रखंड शिक्षिका रीना कुमारी ने त्यागपत्र दे दिया है। रीना के इस्तीफा देने से यह बात साफ हो गई कि वह सालों से विभाग की आंखों में धूल झोंककर सरकारी रुपये पर ऐश कर रही थी।

मिली जानकारी अनुसार, मधेपुरा जिले के सिहेंश्वर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बडहरी में रीना कुमारी नाम की एक महिला माध्यमिक शिक्षिका के रूप में कार्यरत है। इसी शिक्षिका के प्रमाण पत्र पर सहरसा जिले के बनमा ईटहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय लालपुर पीरनगरा में दूसरी रीना कुमारी विभाग की आंखों में धूल झोंककर प्रखंड शिक्षिका बन गयी।

इस मामले में शिकायत मिलने के बाद विभाग ने दोनों शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्र की वैधता की जांच के लिए सुनवाई की थी। इसमें मधेपुरा जिले की सिहेंश्वर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बडहरी में कार्यरत रीना कुमारी ने बताया कि वे कक्षा 1 से 5 और 9 से 10 संबंधित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं।
कक्षा 1 से 5 बीईटीईटी पात्रता परीक्षा उत्तीर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर मधेपुरा की रीना ने विभिन्न नियोजन इकाई में अपना आवेदन किया था, लेकिन वे कक्षा 9 से 10 बीएसआईटीईटी पात्रता परीक्षा उत्तीर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर माध्यमिक शिक्षिका के पद पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय सिंहेश्वर में कार्यरत हैं। प्रमाण पत्रों की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि रीना कुमारी माध्यमिक उत्क्रमित उच्च विद्यालय बडहरी, सिंहेश्वर, मधेपुरा का है, जबकि सहरसा जिले के प्रखंड शिक्षिका रीना कुमारी दूसरे रीना कुमारी के प्रमाण पत्र पर कार्यरत है।

इस मामले में आरडीडीई के निर्देश पर ही फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत रीना कुमारी को सेवामुक्त करने के लिए डीपीओ ने संबंधित नियोजन इकाई सह बनमा प्रखंड विकास पदाधिकारी को 30 मार्च को ही पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा था। विभाग की इस सख्त कार्रवाई के बाद आरोपी रीना कुमारी ने खुद ही त्यागपत्र दे दिया है। सवाल यह है कि वे फर्जी प्रमाण पत्र जो सैलरी उठाती रही थी, उसका क्या?

जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। रीना कुमारी ने विभाग द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद खुद ही त्यागपत्र दे दिया है। हालांकि, इस मामले में पहले ही प्रखंड नियोजन इकाई को सेवा मुक्त के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
-जियाउल होदा खा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना


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