लखीसराय: ASP के बीमार बेटे को इंजेक्शन देने पहुंचा गार्ड, हाथ सूजा तो बहाना बनाकर भागा, अस्पताल डाल रहा पर्दा



संवाद सहयोगी, लखीसराय: लखीसराय सदर अस्पताल में बड़ा ही अजीब धांधली चल रही है। यहां डॉक्टर और कंपाउंडर के बदले गार्ड ही सुई लगाने से लेकर मरहम पट्टी तक का काम करता है। एएसपी के बेटे को गार्ड ने इंजेक्शन लगाया, जब बच्चे का हाथ फूलने लगा तो गार्ड वहां से भाग खड़ा हुआ और डर के कारण अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी खामियों को छिपाने के लिए गार्ड राजन से कहकर एएसपी अभियान के खिलाफ ही शिकायत दर्ज कराई है।  

जानकारी के मुताबिक, एएसपी अभियान मोतीलाल के तीन साल के बेटे को टाइफाइड हो गया। उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा था। अस्पताल स्टाफ रवीश कुमार कई दिनों से एएसपी के सरकारी आवास पर आकर उनके बेटे को इंजेक्शन लगा रहा था। शनिवार को रवीश कुमार कहीं गए हुए थे। उसके बदले सदर अस्पताल का गार्ड राजन कुमार रात नौ बजे एएसपी के घर गया और उनके बेटे को इंजेक्शन देने लगा, जिससे बच्चे के हाथ में सूजन आ गई।
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इसके बाद गार्ड ने दूसरे हाथ की नस में इंजेक्शन लगाने की कोशिश की, उस हाथ में भी  सूजन आ गई। इसके बाद वह सिरिंज और दवा छोड़कर बहाना बनाकर भाग गया और अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। इधर एएसपी अभियान रात 10 बजे तक उसका इंतजार करते रहे। इसके बाद उन्होंने किसी और को बुलाकर बेटे को इंजेक्शन लगवाया।
इस घटना से गुस्साए एएसपी अभियान मोतीलाल ने अपने चार सुरक्षा गार्ड को सदर अस्पताल भेज राजन को अपने आवास पर बुलवा लिया। फिर उसकी जमकर पिटाई की। हालांकि, मोतीलाल ने राजन के साथ मारपीट करने की घटना से साफ इनकार किया है। एएसपी ने कहा कि राजन को किसी भी मरीज के साथ इस तरह की लापरवाही न बरतने की सलाह दी।

उधर, राजन कुमार ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए इसकी प्रति सिविल सर्जन एवं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को देते हुए खुद को पीड़ित बताया। राजन कुमार सदर अस्पताल में एजेंसी के माध्यम से सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत है, वह किसके आदेश पर कंपाउंडर का कार्य कर रहा है, यह जांच का विषय है। यह एक तरीके से मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करना है। 


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