समस्तीपुर: कालेज में छात्र संगठन ने प्रधानाचार्य को प्रवेश से रोका, धक्का-मुक्की के बीच जमकर हुई तू-तू मैं-मैं



जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समस्तीपुर कालेज, समस्तीपुर में संयुक्त छात्र संगठन की ओर से बुधवार को मांगों के समर्थन में तालाबंदी की गई। साथ ही कालेज के मुख्य द्वार पर छात्र धरने पर बैठ गए।
इस दौरान विश्वविद्यालय और कालेज प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शन को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया था।
हालांकि, कुछ देर के बाद कालेज में छात्रों और प्रोफेसर को अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। कालेज में सभी कार्य यथावत जारी रहा।

प्रधानाचार्य डा. सत्येन कुमार को कालेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। पहले तो प्राचार्य ने प्रदर्शनकारियों को कक्ष में वार्ता के लिए आमंत्रित किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी तेज कर दी।
इसके बाद प्राचार्य को कालेज के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। इस बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि, पुलिस बल ने काफी मशक्कत के उपरांत प्राचार्य को अंदर प्रवेश कराया।
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इस क्रम में प्रदर्शनकारियों और कालेज के एनसीसी पदाधिकारी डा. राहुल मनहर के बीच जमकर तू-तू-मैं-मैं होने लगी।
समस्तीपुर कालेज में शैक्षणिक-प्रशासनिक अराजकता के दोषी प्रोफेसर इंचार्ज डा. सत्येन कुमार को पदमुक्त करने व इनके कार्यकाल की जांच कर उचित कार्रवाई करने, स्थायी प्रधानाचार्य को नियुक्त करने को लेकर संयुक्त छात्र संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है।

आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि समस्तीपुर कालेज में व्याप्त शैक्षणिक प्रशासनिक अराजकता को दूर करने, पढ़ने-पढ़ाने वाले शिक्षक को बदले की भावना से स्थानांतरण पर रोक लगाने एवं प्रोफेसर इंचार्ज के मनमानी पर रोक लगाते हुए स्थायी प्रधानाचार्य की नियुक्ति को ले आइसा विभिन्न आंदोलन व प्रतिनिधि के माध्यम से विश्वविद्यालय का ध्यान आकर्षित कर आ चुका है, लेकिन विश्वविद्यालय अधिकारी हठधर्मिता अपनाए हुए हैं। जिसके खिलाफ आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है।

समस्तीपुर कालेज के प्रधानाचार्य डा. सत्येन कुमार ने कहा कि जब से कालेज में योगदान किए है तभी से छात्र संगठन के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। व्यक्तिगत दुश्मनी से टार्गेट कर परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि कालेज से दूसरे जगहों पर तबादला हाेने वाले और रिटायर्ड प्रोफेसर असामाजिक तत्वों को फंडिंग करते हुए महाविद्यालय का शैक्षणिक माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।

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