माफिया अतीक के बेटे को ढेर करने के बाद ट्रेंड कर रहा 'बिहारी ब्रेन', एसटीएफ प्रमुख IPS यश का भोजपुर से है नाता



दीपक, आरा। प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में संलिप्त गैंगेस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद को झांसी में मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया गया है।
इस एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध पर जीरो टालरेंस नीति एवं यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और उनकी टीम की रणनीति की खूब चर्चा हो रही है।
यूपी एसटीएफ प्रमुख बिहार में वीरों की माटी भोजपुर से जुड़े हैं। वे 1996 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। इनका पैतृक गांव छोटा सासाराम जिला मुख्यालय आरा से करीब 15 किलोमीटर दूर आरा-बक्सर हाइवे से सटा है।

यूपी में अपराधी शासन के डर से थर-थर कांप रहे हैं। इसके पीछे की रणनीति बनाने वाला दिमाग एसटीएफ प्रमुख आइपीएस अमिताभ यश का ही है।
असद के अलावा बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत दुआ-ठोकिया को ढेर करने से लेकर विकास दुबे गैंग के लिए चक्रव्यूह रचे जाने तक में इनके नाम की चर्चा खूब रही है।
इनकी दिलेरी पर गांव के लोग भी फक्र करते हैं और अपने को गौरवांवित महसूस करते हैं। इनके पिता राम यश सिंह भी बिहार पुलिस में डीआइजी एवं मां छोटा सासाराम गीता देवी पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं।
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आइपीएस अमिताभ यश की शिक्षा पटना एवं दिल्ली में हुई है। इसके अलावा वे आईआईटी कानपुर के छात्र भी रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी।
आइपीएस अधिकारी बनने के बाद इन्हें यूपी कैडर मिला था। 1996 बैच के आइपीएस अमिताभ यश बतौर एसपी और एसएसपी संत कबीर नगर, बाराबंकी, महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में सेवाएं दे चुके हैं।
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आइपीएस अमिताभ यश को वर्ष 2007 में पहली बार एसटीएफ एसएसपी बनाया गया था। साल 2017 में उन्हें एसटीएफ का आइजी बनाया गया था। फिर साल 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा मिला था।
छोटा सासाराम गांव निवासी राम यश सिंह तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। इन्होंने बिहार पुलिस में इंस्पेक्टर से लेकर डीआइजी तक का सफर तय किया था। इन्हें गैलेंट्री भी मिला था।
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इनके चार पुत्र हैं। जिसमें सबसे बड़े अमिताभ यश हैं, जो भारतीय पुलिस सेवा में हैं और वर्तमान में यूपी एसटीएफ के प्रमुख हैं।
तीन और भाइयों में रजनीश कुमार सिंह पीएनबी बैंक में डीजीएम, राजीव कुमार आर्मी में करनल एवं बृजराज सिंह सीआइएसएफ में कमांडेंट के पद पर हैं।
पिता राम यश सिंह परिवार के साथ कभी पटना तो कभी लखनऊ रहते हैं। अक्सर गांव भी आते-जाते हैं।
आइपीएस अमिताभ यश का अपने पैतृक गांव छोटा सासाराम से भी जुड़ाव रहा है। वे समय-समय पर गांव आते भी हैं। अगर गांव के लोग लखनऊ जाते हैं, तो वे उनका स्वागत भी करते हैं।
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गांव के हरेन्द्र सिंह, गोवर्धन सिंह व वीरेन्द्र सिंह कहते हैं कि उन्हें अपने गांव के सपूत अमिताभ यश की दिलेरी पर फक्र है। पिछले साल 2022 में भी गांव आए थे।
छुट्टी लेकर पटना जब भी आते हैं तो गांव जरूर आते हैं और ग्रामीणों से मिलते भी हैं। उनके व्यवहार के लोग कायल हैं।
गुरुवार की दोपहर बाद ही उन्हें पांच लाख के इनामी बदमाशों को झांसी में मुठभेड़ में मार गिराए जाने की सूचना इंटरनेट मीडिया से मिल गई थी।

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