वैभारगिरी पर्वत पर भीषण आग: वन विभाग के छूटे पसीने, DM-DG समेत कई टीमें मौके पर, दुर्लभ जड़ी बूटियां खाक



 संवाद सहयोगी, नालंदा: करीब 24 घंटे पहले वैभारगिरि पर्वत पर लगी आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग को खासा मशक्कत करनी पड़ रही है। फायर ब्रिगेड के डीजी, नालंदा के डीएम, डीएफओ, एसीएफ और रेंज ऑफिसर समेत अधिकारी पदाधिकारियों की टीम कैंप कर रही है, जिनके निर्देशन में वैभारगिरी पर्वत की तलहटी स्थित कोणार्क नगर से अग्निशमन दस्ता पाइप से पानी का छिड़काव कर रहा है।
कोणार्क नगर की इस तलहटी के पहाड़ी ढलान से वैभारगिरी पर्वत पर आसानी से चढ़ाई की जा सकती है। इसलिए यहां से जहां तक आसानी से चढ़ाई की जा सकती है, वहां तक पाइप से पानी का छिड़काव कर आग पर काबू पाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

कुछ जगहों पर पानी नहीं पहुंचाया जा सकता है, वहां झाड़ियों एवं हरी पतियों के सहारे आग बुझाने की कोशिश की जा रही है। इस कारण आग पर काबू पाने में काफी समय लग रहा है। वहीं जान माल के खतरे को देखते हुए एंबुलेंस और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बता दें कि राजगीर की पंच पहाड़ियों में शुमार 5वां पर्वत वैभारगिरि पर रविवार को अचानक आग लग गई थी। वैभारगिरि पर्वत श्रृंखला के करीब तीन किलोमीटर के क्षेत्र को आग ने अपनी चपेट में ले लिया है। इस आग में पर्वत पर पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियां व अन्‍य कई प्रजातियों के पेड़ पौधे जलकर राख हो गए।
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हालां‍कि, अभी तक आग लगने के कारणों का पता नही चल सका। पर्वतीय अगलगी की घटना प्रत्येक वर्ष गर्मी के दिनों में होती है। अभी गर्मी के शुरुआती मौसम में ही पहाड़ पर आग लगने की घटना शुरू हो गई है। विभाग ने गर्मी के कारण पेड़ों की टहनियों में आपसी घर्षण के कारण चिंगारी उत्पन्न होने या फिर तेज हवा के चलते पत्थरों के आपस में टकराने के कारण आग लगने की आशंका जताई है। विभाग ने किसी शरारती तत्वों के द्वारा आग लगाने की संभावना से इनकार किया। फिलहाल, आग पर काबू पाने की हर संभव कोशिश जारी है।

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