वैभारगिरी पर तबाही देख CM नीतीश के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, फौरन बैठक कर अधिकारियों को दिए ये निर्देश



संवाद सहयोगी, राजगीर (नालंदा)।वैभारगिरी पर्वत श्रृंखला पर आगजनी ने तबाही मचाई है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण किया। उनका हेलिकॉप्टर वैभारगिरी पर्वत के ऊपर 15 मिनट तक मंडराता रहा। पर्वत पर तबाही देखकर सीएम के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं।


बीते रविवार से लेकर मंगलवार तक लगभग चार वर्ग किलोमीटर के पर्वतीय क्षेत्र में आग ने भारी तबाही मचाई। आगजनी में काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण किया तो वैभारगिरी पर्वत के काले हिस्से देखकर उन्होंने चिंता जताई।
15 मिनट बाद सीएम के हेलिकॉप्टर ने हॉकी मैदान स्थित हेलीपैड पर लैंड किया, जहां से वे सीधे अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर पहुंचे। उसके बाद उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। आधे घंटे से अधिक चली इस बैठक में सीएम ने अधिकारियों से अगलगी से हुए नुकसान की भरपाई के उपाय करने को कहा।
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उन्होंने कहा कि काफी जद्दोजहद और कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद राजगीर की पहाड़ियों को हरियाली से आच्छादित किया जा सका था। आग ने वैभारगिरी पर्वत के केवल हरियाली को ही खाक में नहीं मिलाया बल्कि इसके साथ-साथ पर्वतीय जैव विविधता को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है।

उन्होंने हवाई सर्वेक्षण का हवाला देकर कहा कि आग के कारण वैभारगिरी पर्वत का काफी हिस्सा काला पड़ गया है। जिसमें बेशकीमती असंख्य प्रकार की जड़ी-बूटियों को क्षति पहुंची है। आग से राजगीर का शुद्ध पर्यावरण भी प्रभावित हुआ है। वनक्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो गया।
सीएम ने आगे कहा कि राजगीर वनक्षेत्र के वन्यजीव आश्रयणी पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। इस अगलगी की घटना से राजगीर की वन संपदा और संसाधनों को ऐसी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति करने में कई साल तक मेहनत करनी पडे़गी।

सीएम ने बैठक में शामिल सभी अधिकारियों से कहा कि अब दोबारा ऐसी भीषण अगलगी की घटनाओं की पुनरावृति को रोकने को लेकर व्यापक व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जैसी टीम और संसाधनों की आवश्यकता होगी, वह उपलब्ध कराई जाएगी। किसी भी हाल में इन पहाड़ियों पर अब दोबारा इतने बड़े पैमाने पर आग नहीं लगनी चाहिए। इससे बचने बचाने के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे।

उन्होंने वन विभाग के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस बाबत योजना बनाकर देने का निर्देश दिया। इस मामले को लेकर नालंदा वन प्रमंडल के डीएफओ विकास अह्लावत ने बताया कि वन विभाग के आला अधिकारियों की एक बैठक होगी, अगलगी की रोकथाम की कार्ययोजना तैयार की जाएगी और सीएम को समर्पित किया जाएगा।

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