हत्‍या समेत कई मामलों में फरार कुख्‍यात ने पुलिस की उड़ा रखी थी नींद, बेंगलुरु में भाई के घर से पकड़ाया



जमालपुर (मुंगेर), संवाद सहयोगी: सफियासराय ओपी क्षेत्र के सिंघिया पंचायत का कुख्यात रुपेश यादव ने चार अप्रैल को फसल की एवज में रंगदारी नहीं देने पर छात्र सुमन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हत्या के बाद बवाल और पुलिस दबिश बढ़ने की वजह से रूपेश क्षेत्र में ही तीन दिनों तक छिपा रहा। इस बीच उसने पुलिस की नजरों से बचकर सात अप्रैल को लखीसराय रेलवे स्टेशन से बेंगलुरु के लिए ट्रेन पकड़ ली।

रुपेश के बेंगलुरु जाने के बाद स्वजनों ने पुलिस पर गिरफ्तारी का दबाव बनाया तो कुख्यात की गिरफ्तारी को लेकर सफियासराय ओपी प्रभारी नीरज कुमार ठाकुर के नेतृत्व में कुख्यात के खिलाफ छापामारी हुई, लेकिन शातिर रुपेश यादव पुलिस को बार-बार चकमा देने में सफल रहा।

पुलिस ने जब रुपेश की गिरफ्तारी को लेकर तकनीकी अनुसंधान प्रक्रिया अपनाई तो बेंगलुरु से कुख्यात रुपेश यादव की गिरफ्तारी उसके भाई राजेश यादव के मकान से हुई।
एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि रुपेश की गिरफ्तारी को लेकर सफियासराय ओपी प्रभारी नीरज कुमार ठाकुर के नेतृत्व में लागर सेल की टीम बेंगलुरु गई।
सात दिन रहने के बाद कुख्यात का ट्रेस मिला। बेंगलुरु के हूली मऊ थाना क्षेत्र मुलेन स्थित करकट के बने घर से गिरफ्तार किया गया।

मुंगेर पुलिस कुख्यात को लेकर पहुले हवाई जहाज से रांची पहुंची, फिर ट्रेन से लेकर जमालपुर आई। कुख्यात ने जिस हथियार से छात्र की हत्या की थी, वह सहयोगी छोटू साह के पास होने की बात कही है। बताया गया कि रुपेश ने बेंगलुरु में कारोबार भी शुरू किया था।


पुलिसिया पूछताछ के क्रम में रुपेश ने छात्र सुमन को रंगदारी को लेकर गोली मारने की बात स्वीकार की। एसडीपीओ ने बताया कि रुपेश ने स्वीकार किया की फसल की एवज में रंगदारी नहीं देने पर गुस्से में आकर सहयोगी छोटू साव के साथ मिलकर सुमन को गोली मार दी थी।

कुख्यात से पूछताछ के बाद उसके निशानदेही पर छोटू साव के गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है। बता दें कि कुख्यात रुपेश यादव पर कुल 14 आपराधिक मामले मुंगेर व लखीसराय के थानों में दर्ज है।
कुख्यात रुपेश की गिरफ्तारी के बाद सिंघिया के किसानों ने राहत की सांस ली। दिवंगत छात्र के पिता अरविंद यादव और परिवार वालों को भी थोड़ा सुकून मिला।

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